उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष संख्या बल के लिहाज से कमजोर है लेकिन इसके बावजूद तमाम मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरता नजर आया है। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में विपक्ष जहां शांत दिखा, वहीं सत्ता पक्ष के विधायक ही सरकार को घेरते दिखे।
प्रश्नकाल में कुल आठ सवालों को वक्त मिला और इनमें से पांच सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों के थे। इतना ही नहीं विपक्ष के सवालों पर भी सत्ता पक्ष के विधायकों को समर्थन देखने को मिला।
सोमवार को विधानसभा सत्र में सत्ता पक्ष के विधायक ही सरकार को घेरते नजर आए। निजी स्कूलों की मनमानी पर विधायक देशराज कर्णवाल ने सरकार को घेरा, उनका साथ दिया विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने। वहीं, चकबंदी पर विधायक संजय गुप्ता ने सवाल खड़े किए। इस मुद्दे पर विपक्ष के विधायकों ने भी उनका साथ दिया।
जल विद्युत परियोजनाओं और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ाए जाने पर विधायक महेंद्र भट्ट ने सरकार से सवाल किए। आंगनबाड़ी मामले में विधायक प्रदीप बत्रा ने भी उनका साथ दिया। वहीं, विधायक देशराज कर्णवाल ने सौर ऊर्जा प्लांट के लिए कृषि भूमि को अकृषि में बदले जाने पर सरकार को घेरने की कोशिश की।
इसके साथ ही स्थगन प्रस्ताव के तहत आए मुद्दों पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने विपक्ष का साथ दिया। वहीं, सूची में शामिल कई सवाल प्रश्नकाल की अवधि समाप्त होने के कारण सदन में नहीं रखे जा सके। इनमें भी सत्ता पक्ष के कई विधायक तीखे स्वर लेकर तैयार थे।






















































