हवालात में निकली डीपी की हेकड़ी

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रुद्रपुर, एनएच 74 के भूमि मुआवजे घोटाले के मामले में आत्मसमर्पण करने वाले डीपी सिंह को सिडकुल थाने की हवालात में कटी रात जीवन भर याद रहेगी। तमाम मच्छरों के बीच रात गुजारने वाला डीपी सिंह रात्रि 12 बजे तक तो सो ही नहीं पाए। हवालात में जमीन में बिछाई गई दरी और पुलिस से मिले कंबल में डीपी कसमसाते रहे। वो रात भर करवटें बदलते रहे ताकि उन्हें नींद आ जाए। काफी देर तक डीपी ने हवालात में बैठकर ही सुबह होने का इंतजार किया, लेकिन नींद भी उन्हें सता रही थी।

जिसके चलते डीपी को सुबह चार बजे से करीब छह बजे तक नींद आ गई। इससे पहले डीपी सिंह ने गुरूवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सिडकुल की मैस में बने भोजन को खाया। उन्हें मैस की रोटियां, छोले की सब्जी, आलू के गट्टे, चटनी और सलाद दिया गया। मैस का भोजन डीपी को खास पसंद नहीं आया चूंकि डीपी ने मैस की केवल दो ही रोटियां खाईं। डीपी सुबह तक बिना पानी पिए हवालात में रहे।

उन्होंने हवालात में घुसने से लेकर निकलने तक पुलिस के संतरी (पहरा) से कोई डिमांड नहीं की। हालांकि सुबह करीब सात बजे उसे मैस से चाय पिलवाई गई। डीपी सिंह को अस्पताल और कोर्ट ले जाने की कार्यवाही से पहले नाश्ता कराया गया। नाश्ते में उन्हें फिर करीब नौ बजे चाय और ब्रेड पकोड़ा दिया गया। ब्रेड पकोड़ा खाने के बाद डीपी काफी संतुष्ट दिखाई दिए।

डीपी डिप्टी कलेक्टर रहे डीपी सिंह को यह स्वप्न में भी इल्म नहीं होगा कि जिन लोगों को वे अपनी कलम से जमानत देते हैं, एक दिन वो भी अपनी जमानत के लिए दूसरे के आगे खड़ा होना पड़ेगा। अब अगर डीपी को कोई चिंता सताए हुए है तो वो केवल अपनी जमानत की है।

जमानत के बावत डीपी के अधिवक्ता लगे हुए हैं। निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह ने सिडकुल चौकी इंचार्ज को घड़ी पहने देख कर कहा कि यदि यही घड़ी वह पहने होते तो दो लाख की बताई जाती। दरअसल, डीपी सिंह ब्रांडेड वस्तुओं के शौकीन रहे हैं।