एसटीएच के बाथरूम में कोरोना पाॅजिटिव बुजुर्ग की लाश मिलने का मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा

0
413
एसटीएच
छह अगस्त को एसटीएच के कोविड वार्ड से कथित तौर पर फरार हुए शख्स का शव चिकित्सालय के ही बाथरूम में मिलने की घटना की न्यायिक जांच 15 दिन के बजाय 49 दिन बाद भी किसी मुकाम पर नहीं पहुंच सकी है। जिलाधिकारी ने इस घटना की सिटी मजिस्ट्रेट को जांच के आदेश दिए थे लेकिन अभी तक किसी ने मृतक के बेटे से इस बारे में कोई पूछताछ नहीं की जबकि उसी ने बाथरूम में पड़ी अपने पिता की लाश को सबसे पहले देखा था। इस बीच न्याय मिलने के इंतजार में बैठे मृतक के बेटे ने समाधान पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाया है।
पांच अगस्त की सुबह एसटीएच के कोरोना वार्ड में भर्ती रामनगर के गूलर घट्टी निवासी रईस अहमद अचानक लापता हो गए थे। वे कोरोना संक्रमित थे। काफी खोजबीन के बाद जब वे चिकित्सालय में कहीं नहीं मिले तो मामले की जानकारी एसटीएच प्रबंधन ने पुलिस को दी। छह अगस्त को पुलिस ने रईस अहमद के बेटे को साथ लेकर उनकी तलाश शुरू की तो अंततरू चिकित्सालय के अन्य तल के बाथरूम में उनकी लाश मिली। इसी दिन जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले की जांच नगर मजिस्ट्रेट को सौंपी। उन्हें 15 दिनों के भीतर प्रकरण की जाँच रिपोर्ट देने के निर्देश दिये गये। तब  जिलाधिकारी ने बताया था कि नगर मजिस्ट्रेट ने उन्हें लिखित में जानकारी दी है कि इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए वे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ एसटीएच गये थे और प्राचार्य तथा डाक्टरों से मामले की जानकारी ली। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि रामनगर के गुलरघट्टी निवासी 53 वर्षीय रईस अहमद 1 अगस्त को उपचार के लिय एसटीएच लाये गये थे। वे कोरोना संक्रमित पाए गये थे। 5 अगस्त की सुबह 6 बजे वे अपने वार्ड सी के बेड नम्बर 18 से अचानक गायब हो गये। उन्हें कई जगह तलाश गया लेकिन हॉस्पिटल के अन्य तल पर उसकी लाश संदिग्ध अवस्था मे मिली। इसके बाद जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच सौंपी।
अब रईस अहमद के पुत्र सरफराज अहमद का कहना है कि जांच शुरू हुए 48 दिन हो चुके हैं और अभी तक किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है, अलबत्ता उन्होंने स्वयं फोन करके जांच की प्रगति जाननी चाही तो उन्हें बताया गया कि कोरोना काल में व्यस्त होने के कारण जांच पूरी नहीं हुई है। जल्दी ही उन्हें बयान देने के लिए बुलाया जाएगा लेकिन इस बात को भी कई दिन हो गए। सरफराज के अनुसार उन्होंने इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री के समाधान पोर्टल में भी 21 सितम्बर को शिकायत लिखकर अपने दिवंगत पिता की मौत के मामले में न्याय करने की गुहार लगाई है।