आसमान से बरसती आग ने कूलरों की “खस” को बनाया खास

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ऋषिकेश। तीर्थनगरी में पढ़ रही जबरदस्त गर्मी ने “खस” को भी खास बना दिया है। कूलर में प्रयुक्त होने वाली खस शहर के करीब दो दर्जन काउंटरों में इन दिनों आसमान से बरस रही आग के चलते खूब बिक रही है। कूलर व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों की माने तो खस की बिक्री ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। आलम यह है की खस की किल्लत कूलरों की तरह ही बाजार में नजर आने लगी है। आसमान से शोले बरस रहे हो तो गर्मी से राहत पाने के लिए नुस्खों की शुरुआत होना लाजमी है। ऐसे में आम आदमी या यूं कहें कि मध्यमवर्गीय लोगों के लिए कूलर एक ऐसा माध्यम है जो कि उन्हें गर्मी से राहत पहुंचा सकता है, लेकिन पुरानी खस के चलते कूलर से भी ठंडक ना मिले तो उसे बदलना ही बेहतर है। शायद इसे तीर्थनगरी है के मध्यम वर्गीय लोगों ने पहचान लिया है। यही कारण है जिसकी वजह से कूलरों की दुकान में खस बदलने वाले ग्राहकों की भीड़ लगी हुई है। कूलर व्यवसाय से जुड़ें अनूप अस्थाना का कहना है कि पुरानी खस कूलर पर लगी हो तो कूलर चलता तो है लेकिन मैं सामान्य पंखे की तरह। हरिद्वार रोड पर इलेक्ट्रॉनिक गैलरी चलाने वाले राजीव का भी कुछ यही मानना है कि यहां पड़ रही बेतहाशा गर्मी से एसी व फूलों की बिक्री में तो जबरदस्त है । साथ ही खस की बिक्री भी रिकार्ड तोड़ शुरू हो रही है ।शहर के विभिन्न अकाउंट पर खड़े लोगों से जब बात की गई तो अधिकांश लोग गर्मी से बेहाल नजर आए। आप भी गर्मी से बेहाल हैं और कूलर की हवा भी आपको गर्म महसूस हो रही है तो अपने कूलर के खस को बदल कर देखिए शायद आप को सुकून मिल जाए ।