नैनीताल के मुक्तेश्वर में विश्व रिकॉर्ड ऊंचाई पर दिखा किंग कोबरा

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किंग कोबरा
प्राकृतिक जैव विविधता से समृद्ध उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में विश्व में सर्वाधिक 2,170 मीटर की ऊंचाई पर सांपों का राजा कहा जाने वाला किंग कोबरा पहली बार कैमरे में कैद हुआ है। किंग कोबरा को नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर के पास देखा गया है। इससे वन विभाग के अधिकारी आह्लादित हैं। इसे राज्य एवं खासकर नैनीताल जनपद की समृद्ध जैव विविधता का परिचायक माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कुछ वर्षों पूर्व तक नैनीताल व पहाड़ों पर सांप दिखना बहुत बड़ी बात होती थी, किंतु इधर जनपद का ज्योलीकोट क्षेत्र किंग कोबरा के प्राकृतिक आवास स्थल के रूप में स्थापित हो चुका है। जबकि 1900 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित जिला-मंडल मुख्यालय में अक्टूबर-नवंबर 2017 में किंग कोबरा देखे जाने की तीन घटनाएं हुई थीं। जबकि उत्तराखण्ड वन्य जीव बोर्ड के सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय छायाकार व प्रकृतिविद् पद्मश्री अनूप साह के अनुसार करीब 60 वर्ष पहले नगर के हीरा लाल साह ठुलघरिया द्वारा नगर के बारापत्थर क्षेत्र में करीब 7000 फिट यानी 2,134 मीटर की ऊंचाई पर और जून 2014 में नगर के मान परिवार ने किलबरी रोड में समुद्र तल से करीब 7500 फिट यानी 2286 मीटर की ऊंचाई पर किंग कोबरा को देखने का दावा किया था। इतनी अधिक ऊंचाई पर कोबरा का मिलना साह के अनुसार विश्व कीर्तिमान था। लेकिन तब इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी थी।
गौरतलब है कि पूर्व में जनपद के कालाढुंगी क्षेत्र में वन विभाग को 22 फिट लंबे किंग कोबरा के सड़े-गले अवशेष मिले थे, जो कि लंदन के चिड़ियाघर में रखे गये 18.5 फिट के विश्व रिकॉर्डधारी लंबे सांप से भी अधिक लंबा था। परंतु इसका कोई प्रमाण सुरक्षित नहीं रखा गया।
ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव 
नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर सरीखे समुद्र सतह से 2,170 मीटर की ऊंचाई पर बसे स्थान पर किंग कोबरा की उपस्थिति को कई लोग ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव भी मान रहे हैं, वहीं इस बारे में पूछे जाने पर वन संरक्षक दक्षिणी कुमाऊं वृत्त डाॅ. पराग मधुकर धकाते का कहना है कि नैनीताल किंग कोबरा का प्राकृतिक आवास हो सकता है। इसकी यहां उपस्थिति इस क्षेत्र की अब भी समृद्ध जैव विविधता होने का प्रमाण भी है। इस आधार पर विशेषज्ञ भी स्वीकार कर रहे हैं कि क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता, मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र व आहार श्रृंखला के परिचायक किंग कोबरा का यहां मिलना इस क्षेत्र के लिये बड़ी उपलब्धि हो सकता है और इस क्षेत्र को सर्पराज के संरक्षित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। परीक्षण किया जाये तो किंग कोबरा की यहां उपस्थिति देश के लिये बड़ी उपलब्धि हो सकती है।