उत्तराखंड में जमीन महंगी, सर्किल रेट में 15 फीसद तक की वृद्धि

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     आय के स्रोत बढ़ाने के रास्ते तलाशने में जुटी प्रदेश सरकार ने कृषि और अकृषि क्षेत्र की जमीनों के सर्किल रेट में इजाफा किया है। 2018 के बाद यह बढ़ोतरी की गई है। मंत्रिमंडल की रविवार को हुई बैठक में राज्य में ओवरआल सर्किल रेट की दरों में 15 फीसद तक की बढ़ोतरी करने पर मुहर लगा दी गई। नैनीताल, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा क्षेत्रों को सर्किल रेट के दायरे में लेने के साथ ही रेट भी बढ़ाए गए हैं। जिलों में सर्किल रेट के दायरे में लिए गए कुछेक स्थानों पर दर 800 फीसद तक होगी। पौड़ी जिले में कृषि व अकृषि क्षेत्र के ऐसे दो स्थान हैं। इसके माध्यम से सर्किल रेट की विसंगतियों को दूर करने की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं। कैबिनेट ने सर्किल रेट के अलावा तीन अन्य मसलों पर भी सहमति की मुहर लगाई है।

    मंत्रिमंडल की रविवार शाम सचिवालय में हुई बैठक में प्रदेश में भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने का अहम फैसला लिया गया। जनवरी 2018 के बाद सर्किल रेट बढ़ाए गए हैं। हालांकि, पूर्व में दो बार यह मसला कैबिनेट की बैठकों में आया, मगर तमाम कारणों ये यह टलता रहा। अब कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी।

    कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने सर्किल रेट को युक्तिसंगत और व्यवहारिक बनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत उन विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है, जहां एक ही क्षेत्र में एक ही हिस्से में एक जैसी गतिविधियां होने के बावजूद दाईं और बाई तरफ के सर्किल रेट अलग- अलग थे। पहली बार इसके लिए जीआइएस मैपिंग और वैज्ञानिक ढंग से परीक्षण किया गया। अगले चार-पांच साल में ऐसे क्षेत्रों में सर्किल रेट बराबर हो जाएं, इस दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं।

    उन्होंने बताया कि राज्य में ओवरआल सर्किल रेट में शून्य से 15 फीसद की वृद्धि को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। प्रदेश के करीब 60 फीसद से ज्यादा हिस्से में कृषि व अकृषि भूमि के सर्किल रेट में 10 फीसद तक का इजाफा होगा, जबकि शेष में यह 15 फीसद तक रहेगा।

    जापान जाएंगे मुख्यमंत्री

    कौशिक ने बताया कि कैबिनेट में मुख्यमंत्री की तीन से पांच फरवरी तक प्रस्तावित जापान यात्रा के बारे में भी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री के साथ जाने वाला शिष्टमंडल जापान में यामानाशी प्री-फैक्चर से कुछ मामलों में एमओयू साइन करेगा।

    खनन नीति में संशोधन

    खनन नीति में संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसमें पट्टाधारक यदि किन्हीं कारणों से तय अवधि के भीतर खनन शुरू नहीं कर पाता है और समय रहता है तो वह अवधि आगे बढ़ाई जाएगी।

    रिवर ट्रेनिंग नीति में बदलाव

    कैबिनेट ने रिवर ट्रेनिंग नीति में परिवर्तन को मंजूरी दी। इसके तहत ट्रेनिंग की अवधि दो माह से बढ़ाकर चार माह करने, इसमें जेसीबी व पोकलैंड मशीनों के उपयोग की मंजूरी दी गई। यही नहीं, अब नदियों के साथ ही जलाशयों व नहरों में भी सिल्ट की सफाई हो सकेगी।