आईएमए को बाईपास बनाने की कसरत तेज

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देहरादून, भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) के दौरान पांवटा साहिब राजमार्ग को कई दिनों तक दिन में यातायात के लिए बंद कर दिया जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग के वाहनों को किसी तरह तंग गलियों से गुजारा जाता है। पीओपी के दौरान यातायात बाधित न हो, इसके लिए यहां अंडरग्राउंड टनल बनाने की योजना तो परवान नहीं चढ़ पाई, लेकिन आइएमए को बाईपास करने की एक नई योजना पर काम शुरू किया गया है। यह योजना है कि कौलागढ़, बाजावाला, मसंदावाला, फुलसैनी, नंदा की चौकी डबल लेन मार्ग निर्माण की जाए।

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप इस सड़क का निर्माण किया जाना है और लोनिवि प्रांतीय खंड ने प्रथम चरण के कार्य (जमीन अधिग्रहण) की स्वीकृति को प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।  प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता एएस भंडारी के मुताबिक, यह मार्ग करीब डबल लेन होगा, जबकि अभी यह मार्ग महज सिंगल लेन और कहीं पर इसकी चौड़ाई सिंगल लेन के अनुरूप भी नहीं है। ऐसे में यह बल्लूपुर चौक से प्रेमनगर से आगे नंदा की चौकी तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की शक्ल नहीं ले पा रहा। जैसे ही शासन से प्रथम चरण की स्वीकृति मिल जाएगी, जमीन अधिग्रहण और डीपीआर बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

20 हजार की आबादी को सीधा लाभ: पांवटा साहिब जाने या वहां की तरफ से आने वाले वाहनों के लिए तो यह वैकल्पिक मार्ग का काम करेगा ही, इससे बाजावाला, मसंदावाला, फुलसैनी, जामुनवाला, आमवाला, नंदा की चौकी क्षेत्र की करीब 20 हजार की आबादी को सीधा लाभ भी मिलेगा। साथ ही इस मार्ग पर हरियाली की भी भरमार है। लिहाजा, पर्यटकों के लिहाज से भी मार्ग पर आवाजाही बढ़ सकती है, जिससे मुख्य मार्ग पर वाहन दबाव भी कम हो सकेगा।

अभी निजी वाहन ही विकल्प: इस मार्ग पर आवागमन के लिए लोग अभी निजी वाहन पर ही निर्भर रहते हैं। मार्ग के डबल लेन बन जाने के बाद मार्ग को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए भी अधिकृत कर दिया जाएगा।

एक किलोमीटर कम होगी दूरी: वर्तमान में यदि बल्लूपुर से नंदा की चौकी जाने की बात करें तो यह दूरी करीब 11 किलोमीटर की है।जबकि नंदा की चौकी आने-जाने के लिए बनने वाले डबल लेन वैकल्पिक मार्ग की दूरी लभगभ 10 किलोमीटर रहेगी। मार्ग के प्रारंभिक इस्टीमेट में इसकी लागत 25.39 करोड़ रुपये आंकी गई है, हालांकि समय के साथ इसमें बदलाव संभव है।