बंशीधर भगत के जरिए तजुर्बे को तजुर्बे से काटेगी भाजपा

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    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बंशीधर भगत की नियुक्ति करके पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह तजुर्बे को तजुर्बे से काटेगी। कांग्रेस में अनुभवी हरीश रावत, इंदिरा ह्रदयेश और प्रीतम सिंह को जवाब देने के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के जोड़ीदार के रूप में बंशीधर भगत का चयन भाजपा की इसी मंशा को सामने रख रहा है।
    पार्टी हाईकमान को उम्मीद है कि त्रिवेंद्र भगत की जोड़ी 2022 के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करके दिखाएगी। भगत को अध्यक्ष बनाते समय भाजपा हाईकमान के जेहन में कहीं ना कहीं कुमाऊं मंडल जरूर रहा है, जहां पर पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश के बीच भले ही 36 का आंकड़ा हो लेकिन कांग्रेस के यह दोनों नेता भाजपा को समय-समय पर असहज करते रहे हैं।
    इसी तरह प्रीतम सिंह भी इंदिरा के साथ जोड़ी बनाते हुए भाजपा पर लगातार हमले करते हैं। हल्द्वानी क्षेत्र से इंदिरा भी आती हैं तो बंशीधर भगत भी। यह अलग बात है की परिसीमन के बाद इंदिरा और भगत का विधानसभा चुनाव में अब आमना-सामना नहीं हो पा रहा है।
    इंदिरा हल्द्वानी सीट से चुनाव लड़ती हैं तो बंशीधर भगत कालाढूंगी सीट से खम ठोकते हैं। दोनों ही वर्तमान में भी इन सीटों से विधायक है। इससे पहले दोनों नेताओं की जंग का केंद्र हल्द्वानी सीट रहा करती थी जहां पर कभी इंदिरा जीती तो कभी बाजी भगत के हाथ लगी यानी नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के हर दांव से बंशीधर भगत बखूबी परिचित हैं।
    भगत को अध्यक्ष बना कर हाईकमान ने कई समीकरण साधे हैं। सीएम राजपूत हैं और गढ़वाल मंडल से हैं तो भगत ब्राह्मण है और कुमाऊं मंडल से हैं यानी क्षेत्रीय और जातीय दोनों तरीके के समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण बात है। भाजपा हाईकमान ने त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल की खाली पड़ी कुर्सी के एक दावेदार को बड़ी जिम्मेदारी देकर किनारे भी कर दिया है।
    भगत कैबिनेट मंत्री बनने के इच्छुक बताए जा रहे थे। त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में अभी तीन मंत्री बनने की गुंजाइश है। बंशीधर भगत का जिस तरह का अनुभव रहा है उसमें उनकी दावेदारी बहुत मजबूत थी। वह यूपी के जमाने में राज्य मंत्री रह चुके थे।
    इसके अलावा 2007 में खंडूरी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। अब हाईकमान ने उनकी भूमिका सरकार की जगह संगठन में तय की है तो उनके सामने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मिलकर 2022 की चुनौती से निपटने का लक्ष्य है। भाजपा की इस जोड़ी पर अब सबकी नजर होगी।