उत्तराखण्ड के सियासी संग्राम में बीसी खंडूरी चर्चा में

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देहरादून। उत्तराखंड के भाजपा के स्तंभ माने जाने वाले पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी जरूरी हो गए हैं। जहां भाजपा ने खंडूरी को स्टार प्रचारक बनाकर उन्हें पार्टी की सेवा में जोड़ने का काम किया है। कांग्रेस भी उनको अपने साथ मिलाने को आतुर है, इसका कारण मेजर जनरल भुवन चंद्र खडूरी की स्वच्छ छवि है।
पिछले विधानसभा चुनाव 2012 में भाजपा की ओर से एक नारा दिया गया था जिसमें कहा गया था कि ‘खंडूरी है जरूरी’ इसका कारण खंडूरी की साफ सुथरी छवि तथा उनकी साफगोई थी। लेकिन अब जब भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी कांग्रेस में चले गए हैं, तब कांग्रेस उनके अपमान का मुद्दा उठाकर उन्हें पार्टी से भी अलग करना चाहती है।
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना मानते हैं कि ‘खंडूरी ही जरूरी’ का नारा देने वाली भाजपा आज खंडूरी के नाम पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस मामले को पूरी तरह अफवाह बताया जा रहा है। भाजपा और खंडूरी एक दूसरे के पूरक हैं ।
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक समाचार प्रसारित किया जा रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि बीसी खंडूरी राहुल गांधी के साथ श्रीनगर में मंच साझा करेंगे। इसको लेकर प्रदेश में इन दिनों राजनीति तेज हो गई हैं | इन अफवाहों पर भाजपा का स्पष्ट मानना है कि यह सब मनीष खंडूरी की आईटी सेल का प्रपंच है।
इसी संदर्भ में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूरी अपने साथ एक आईटी टीम लेकर आए हैं, जो कि लगातार इस तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि बीसी खंडूरी पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे पार्टी के वफादार सिपाही हैं तो ऐसे में इस तरह की खबरों का कोई सवाल ही नहीं उठता।