अधिकारियों की मनमानी रोकना जरूरी: रेखा आर्य

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रेखा आर्य
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उत्तराखंड शासन में दो महिला अधिकारियों के विभागों में फेरबदल पर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। इस पर महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी रोकने के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं। रेखा आर्य ने शुक्रवार को कहा कि अधिकारियों के दायित्व में फेरबदल सामान्य प्रक्रिया है। शासन ने आईएएस वंदना को रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी पद से हटाकर मुख्य सचिव कार्यालय में संबद्ध कर दिया है। वहीं अपर मुखर सचिव मनीषा पंवार से कई विभाग वापस ले लिये गये हैं। इन दोनों अधिकारियों के दायित्व में बदलाव के पीछे मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की नाराजगी को वजह माना जा रहा है।
रुद्रप्रयाग की जिलाधिकारी वंदना की विदाई को मुख्यमंत्री की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। गुरुवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जल जीवन मिशन की बैठक ली थी जिसमें  वंदना तय समय पर शामिल नहीं हो पाईं। इससे पहले भी कई बैठकों में वे शामिल नहीं हुईं। जिस कारण मुख्यमंत्री की नाराजगी उनसे बढ़ी है, ऐसा माना जा रहा है।
आईएएस मनीषा पंवार से दायित्व वापस लेकर कोई नई जम्मेदारी नहीं देने के पीछे कैबिनेट मंत्री की नाराजगी को जोड़ा जा रहा है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और आईएएस षणमुगम के प्रकरण की जांच मनीषा पंवार के पास थी। उन्होंने मुख्य सचिव को यह जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट के बारे में कोई खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें आईएएस षणमुगम के पक्ष में रिपोर्ट है, जिसके चलते मंत्री नाराज हो गईं। वहीं कुछ दिनों पहले मनीषा पंवार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जम्मेदारी लेने से भी इंकार कर दिया था। इसे भी मंत्री की नाराजगी से जोड़ कर देखा जा रहा है।
इस संबंध में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाना जरूरी है। मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया फैसला सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने आचरण में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए।