कोटद्वार, पनियाली गदेरे में बाढ़ की आशंका को जानते हुए भी प्रशासन इस ओर से लापरवाह बना हुआ है। हालत यह है कि गदेरे की जद में आने वाले किसी भी भवन को अभी तक खाली नहीं कराया गया है।
प्रशासन ने लोगों को हटाने की अपेक्षा गदेरे में शिवपुर से देवी रोड तक 67 भवनों पर लाल निशान लगाकर अपने फर्ज की इतिश्री कर ली। पिछले दो सालों से पनियाली गदेरा लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। बीती दो जुलाई को सुबह पनियाली गदेरे में आए उफान के कारण शिवपुर, मानपुर, काशीरामपुर और कौड़िया में बाढ़ आ गई थी। इसमें कई घरों में पानी भर गया था और बाढ़ के चलते करंट लगने से 3 युवकों की मौत हो गई थी।
इसके बाद प्रशासन की नींद खुली और उन्होंने पनियाली गदेरे के अतिक्रमण को चिह्नित कर यहां बने भवनों पर लाल निशान लगाने शुरू कर दिए। राजस्व नगर निगम और सिंचाई विभाग की टीम ने शिवपुर से देवी रोड तक कुल 67 भवनों पर खतरा बताते हुए चिह्नित किया और उसके बाद लाल निशान वाले भवनों को खाली कराना भूल गया।
वर्तमान में आलम यह है कि खतरनाक पनियाली गदेरे में अतिक्रमण जस का तस है। गदेरे के ऊपर बने भवनों में खतरे से अनजान लोग अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। पनियाली गदेरा कभी भी इन परिवारों में कहर बनकर टूट सकता है लेकिन इसके लिए प्रशासन अनजान बना हुआ है। नायब तहसीलदार कुलदीप सिंह रावत ने मंगलवार को बताया कि 67 अतिक्रमणकारियों की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है।





















































