माउंट त्रिशूल पर शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती पंचतत्व में विलीन

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अनंत कुकरेती

माउंट त्रिशूल पर हिमस्खलन की चपेट में आए लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को खड़ीखड़ी श्मशान घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गया। उनको पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर भारी संख्या में लोगों ने नम आंखों से अनंत कुकरेती को श्रद्धांजलि दी।

माउंट त्रिशूल पर बीते शुक्रवार को हिमस्खलन की चपेट में आए नौसेना के चार अधिकारियों की मौत हो गई थी। इनमें लेफ्टिनेंट कमांडर अंनत कुकरेती भी शामिल थे। सोमवार को लेफ्टिनेंट कमांडर अंनत कुकरेती का पार्थिव शरीर देहरादून के जोगीवाला स्थित गंगोत्री विहार आवास पर लाया गया जहां से उनकी अंतिम यात्रा हरिद्वार के लिए रवाना हुई। हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। लेफ्टिनेंट कमांडर अंनत कुकरेती की तीन महीने पहले ही शादी हुई थी। वे शादी के समय ही अंतिम बार अपने घर देहरादून आए थे। उनकी पत्नी मुंबई में बैंक अधिकारी हैं। इस हादसे के बाद पूरा कुकरेती परिवार गहरे सदमे में है।

त्रिशूल पर्वतारोहण के दौरान लापता हुए जवान और शेरपा की खोज में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

नौसेना के रियर एडमिरल सूरज बरी ने बताया कि इस घटना में जान गंवाने वाले नौसेना के चार जवानों के पार्थिव शरीर मिलने के बाद भी भारतीय सेना और वायु सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। अभी भी लापता एक जवान और एक शेरपा की खोजबीन जारी है।

रियर एडमिरल सूरज बरी ने बताया कि भारतीय सेना की ओर से स्वर्णिम विजय वर्ष पूरे देश में मनाया जा रहा है। इसी के तहत वेस्टर्न नेवल कमांड के 20 जवान त्रिशूल पर्वत पर पर्वतारोहण के लिये तीन सितंबर को मुम्बई से रवाना हुए थे। इस मिशन का नाम आईएनएस त्रिशूल 2 माउंट त्रिशूल रखा गया था। उन्होंने बताया कि त्रिशूल एक जहाज का नाम है जिसके आधार पर इस मिशन का नाम रखा गया था। पर्वतारोहण के इस दल को एक से तीन अक्टूबर के मध्य पर्वत को फतह करना था।

अभियान के दौरान त्रिशूल शिखर पर हिमस्खलन होने से पांच जवान इसकी चपेट में आ गये। भारतीय सेना ने क्षेत्र में खोज-बचाव अभियान चलाकर चार जवानों के शवों को निकाल लिया है जबकि एक जवान और एक शेरपा की खोजबीन अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि अभियान पर गये तीन जवान इससे पूर्व एवरेस्ट की चोटी पर भी पर्वतारोहण कर चुके थे। उन्होंने कहा कि त्रिशूल पर्वत पर हालात बेहतर खतरनाक बने हुए हैं। बार-बार हो रहे हिमस्खलन से खोज-बचाव अभियान में परेशानियां आ रही हैं। इसके बावजूद खोज और बचाव दल की ओर से जल्द लापता जवान और शेरपा को खोजकर अभियान समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।