देहरादून, ताकत का खजाना मानी जाने वाली हिमालयन वियाग्रा यानि कीड़ा जड़ी अब सहकारी संघों के माध्यम से मिलेगी। इसके लिए सरकार ने प्रावधान कर दिया है, अब कीड़ा जड़ी की मांग को अब सहकारी संघ पूरा करेगा। सहकारी संघ ने इसके लिए पंजीकरण करा लिया है, हालांकि यह पंजीकरण पिथौरागढ़ में हुआ है। इसके साथ ही साथ कीड़ा जड़ी संग्रहण का केन्द्र भी खोला जाएगा। शुक्रवार को जानकारी देते हुए सहकरिता विभाग के अधिकारी एसएस बिष्ट ने बताया कि विभाग ने संग्रहण केन्द्र खोलने की तैयारी प्रारंभ कर दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ज्यादा डिमांड रखने वाली कीड़ा जड़ी उत्तराखंड में काफी मात्रा में मौजूद है। बावजूद इसके प्रदेश में इसको लेकर कोई ठोस नीति न होने के कारण इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। कीड़ा जड़ी की अवैध तस्करी काफी लंबे समय से होती रही है। लेकिन अब उत्तराखंड सहकारी संघ राज्य में कीड़ा जड़ी के जरिए न केवल उत्तराखंड के राजस्व को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
श्री बिष्ट ने बताया कि, “सरकार के प्रयासों से अब कीड़ा जड़ी का संग्रहण स्थानीय लोग करेंगे और उन्हें कानूनी रूप से अपनी आय बढ़ाने का मौका देने जा रहा है।”
         
                





















































