देहरादून। राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा पर रावण के साथ ही कुंभकरण, मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया। वहीं, दुर्गा पंडालों में मां दुर्गा को विदाई दी गई और अगले बरस फिर से आने का न्यौता दिया गया।
देहरादून बिन्दाल स्थित मां दुर्गा बाड़ी मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन से पहले बंगाली समाज के लोगों ने मां को नाच-गाने के साथ विदा किया। षष्ठी से शुरू हुआ यह पर्व विजयादशमी पर मां की विदाई के साथ सम्पन्न हुआ। मां की प्रतिमा को हरिद्वार में विसर्जन के लिए भेजे जाने से पहले महिलाओं ने एक-दूसरे को सिन्दूर लगाकर सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद मांगा।
वहीं, विजयादशमी के अवसर पर शुक्रवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में बन्नू बिरादरी दशहरा कमेटी की ओर से 71वें दशहरा महोत्सव पर 60 फुट के रावण और 55 फुट के कुंभकरण तथा मेघनाद के 50 फुट का पुतला जलाया गया। मैदान में झूले और विभिन्न प्रकार के स्टालों की रौनक भी देखने को मिली। रामलीला कला समिति की ओर से 150वीं रामलीला महोत्सव के अवसर पर झंडा तालाब में तैयार की गई तीन मंजिला लंका का देर शाम को दहन किया गया। इसके बाद रावण के पुतले का दहन किया गया। सेवा कुंज समिति की ओर से पूर्वी पटेलनगर स्थित मैदान में रावण के पुतले का दहन किया गया। दशहरा कमेटी प्रेमनगर की ओर से दशहरा मैदान में 52 फिट के रावण के पुतले को जलाया गया।
परेड ग्राउंड में मुख्य कार्यक्रम का समय लंका दहन-शाम 5:30 बजे, जबकि रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले दहन-शाम 6:05 बजे किया गया। वहीं हिंदू नेशनल इंटर कॉलेज, लक्ष्मण चौक में रावण दहन-शाम पांच बजे तथा नेहरू कॉलोनी एच ब्लॉक में रावण दहन-शाम 6:30 बजे किया गया। इसी प्रकार, पटेलनगर, श्याम भवन मंदिर के सामने मैदान, प्रेमनगर, दशहरा मैदान में रावण दहन शाम 6:10 बजे तथा क्लेमेनटाउन, टर्नर रोड गली नंबर-1 में देर शाम को रावण के पुतले का दहन किया गया।
 
                





















































