ऋषिकेश। ग्रामीण क्षेत्र श्यामपुर के खदरी खड़क माफ़ के किसान आजकल फसल पर दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर किसानों की फसल कोहरे और पाले से पीली पड़ रही है वहीँ दूसरी ओर फसल को जंगली जानवर रौंद रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि वह सब जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए रात भर जागकर खेतों में रात बिताने को मजबूर है। कुछ फसल पाले से खराब हो रही है और जो कुछ बची फसल उसे जंगली जानवर कुचल देते है। इस पर सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जुगलान का कहना है कि राज्य को बने हुए 17 वर्ष बीत गए हैं किंतु फसल सुरक्षा हेतु न तो आज तक सुरक्षा तटबन्ध बन पाया है न सौर ऊर्जा बाड़ ही लग पायी है। जिसके कारण किसानों की आजीविका खतरे में पड़ गयी है। लोग खेत बेचने को मजबूर हो रहे हैं। किसान अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्षरत हैं किन्तु प्रशासन मूक बना हुआ है। किसानों के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता के कारण ही लोग खेती से विमुख होने लगे हैं जिसके फलस्वरूप महँगाई बढ़ना निश्चित है। उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति दिन ढाई हजार किसान खेती छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की माँग पर शीघ्र ध्यान देना चाहिए। वन विभाग के द्वारी जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार बनायी जाये।
                




















































