उत्तराखंड के 16 हजार शिक्षकों पर लटकी खतरे की तलवार

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भराड़ीसैंण (गैरसैंण),  उत्तराखंड के 16 हजार 608 शिक्षकों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटकी हुई है। ये वे शिक्षक हैं, जिन्होंने विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त किया है लेकिन इस प्रशिक्षण को अभी तक एनसीटीई की मान्यता का औपचारिक आदेश नहीं जारी हुआ है। यह चौंकाने वाली जानकारी गुरुवार को यहां विधानसभा में कांग्रेस  विधायक मनोज रावत के उठाए गए सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय ने दी।

उत्तराखंड में वर्ष 2001 से 2014 के बीच राज्य सरकार ने बीएड प्रशिक्षित 16 हजार 608 युवाओं को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद पर नियुक्त दी थी। तैनाती के दौरान ही सरकार ने इनके लिए छह माह का विशिष्ट बीटीसी कोर्स करवाया। यह कोर्स राज्य में स्थित 13 डायट केंद्रों से कराया गया। इसके बाद साल 2017 में खुलासा हुआ कि जब इन शिक्षकों ने डायट से विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण लिया, उस वक्त उस कोर्स को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की एनसीटीई की मान्यता नहीं थी।

चूंकि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है, लिहाजा राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने एक्ट में संशोधन करते हुए उत्तराखंड के 13 डायट केंद्रों में संचालित विशिष्ट बीटीसी कोर्स को बैक डेट से मान्यता देने का रास्ता साफ कर दिया। गुरुवार को  विधानसभा में शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय के जवाब से यह खुलासा हुआ कि एक्ट में संशोधन होने के बावजूद एनसीटीई ने उत्तराखंड के डायट केंद्रों को बैक डेट से विशिष्ट बीटीसी को मान्यता देने का आदेश अभी तक जारी नहीं किया। इस तरह जब तक यह आदेश जारी नहीं होता है, तब तक इन शिक्षकों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटकी हुई है।