नई दिल्ली, देश में सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने कहा है कि उसकी वित्तीय स्थिति काफी मजबूत है। उसके पास राजस्व की कोई कमी नहीं है। ओएनजीसी के निदेशक (वित्त) सुभाष कुमार ने शुक्रवार को एक विज्ञाप्ति जारी कर कहा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है और वह 2018-19 के लिए अपने 32,077 करोड़ रुपये के बजटीय खर्च को पूरा करने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि मीडिया में आ रही खबरों को सिरे से खारिज किया कि कंपनी अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें एक गुमराह करने वाले अभियान के तहत चलाई जा रही है।
सुभाष कुमार ने आगे कहा है कि कच्चे तेल के दाम निचले स्तर पर होने की स्थिति में भी हम अपनी सभी प्रतिबद्धताएं पूरी करते रहे हैं। इस समय कच्चे तेल के दाम निश्चित रूप से बेहतर हैं और किसी चूक का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि कंपनी का सालाना राजस्व 85,000 करोड़ रुपये है। उसके पास पूंजीगत और परिचालन खर्च पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। उन्होंने का कि वेतन मद में किया जाने वाला खर्च तो काफी छोटा है।
ओएनजीसी के निदेशक ने कहा कि हम गैरराजनीतिक संगठन हैं। हम राजनीति में नहीं पड़ना चाहते, लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे बजट में निर्धारित खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं जिसमें कर्मचारियों की सैलरी भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने गत दिन कहा था कि ओएनजीसी एम्पलाइज मजदूर सभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज पेट्रोलियम कंपनी नकदी की कमी से कर्ज में डूबी कंपनी बन गई है। सुभाष कुमार ने कहा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति उतनी ही मजबूत है जितनी पहले थी।


















































