15000 प्लास्टिक बोतलों से बनी मनमोहक ‘वॉल आफ होप’

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मसूरी, सी. पी. सी. बी. की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष करीब 6,60,787 टन प्लास्टिक का कूड़ा बनता है जिसमें से अस्सी प्रतिशत लैंडफिल या जल संसाधनों में बिना प्रोसेस किए मिल जाता है । क्या इस कूड़े का बेहतर उपयोग हो सकता है ? अगर हाँ तो हम इसमें कैसे योगदान दे सकते हैं ?

यही कुछ प्रश्न हैं जिनके उत्तर खोजने के लिए और मसूरी को देश के सबसे साफ हिल स्टेशन में से एक बनाने के लिए नेस्ले इंडिया और रीसिटी नेटवर्क द्वारा हिलदारी आन्दोलन चलाया जा रहा है । इस कड़ी में पर्यटकों को यहाँ- वहाँ कूड़ा न फेंकने के लिए प्रेरित करने के लिए केम्पटी फाल्स के पास बंग्लों की काण्डी गाँव में 15000 प्लास्टिक की बोतलों से बंग्लों की काण्डी गाँव में एक विशाल ‘वॉल आफ होप’ का उद्ंघाटन ग्राम प्रधान श्री रवीना राँगड़ की उपस्थिति में किया गया।

इस दीवार का उद्देश्य लोगों को कूडा यहाँ- वहाँ फेंकने से रोकना है और प्लास्टिक कचरे के बेहतर उपयोग के लिए प्रेरित करना है। इस अद्भुत कलाकृति को म्यूज़ियम ऑफ गोवा फ़ाउन्डेशन की ओर से सुबोध केरकर ने डिजाइन किया है । उनके अनुसार ये कलाकृति हवा और पानी से खराब नही होगी औऱ उम्मीद है कि लम्बे समय तक सौंदर्य का केन्द्र बनी रहेगी।

कार्यक्रम में इसी दीवार के सामने विश्व विख्यात सितार वादक सुरमणि अग्नि वर्मा ने संगीत प्रस्तुति भी दी जिसने वहाँ मौजूद पर्यटकों का मन मोह लिया।

इस कलाक्रति के पूरे होने पर नेस्ले की ओर से तुलिका शुक्ला ने मसूरी के उन सभी वालंटियर्स, रैग-पिकर्स और होटलों का धन्यवाद दिया जिन्होनें इस विशाल दीवार के बनने में विशेष योगदान दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि, “कैसे नेस्ले बेहतर प्लास्टिक कचरा प्प्ररबंधन के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रकार के प्रयासों से लोगों को कचरे के बेहतर और सुन्दर उपयोग के लिए प्रेरित करना चाहती।”

हिलदारी की ओर से अरविन्द शुक्ला ने बताया कि, “घरों से कूडा अलग अलग मिलने के बाद अब ये आन्दोलन पर्यटकों को प्रभावित करने की दिशा में चल रहा है, जिसके लिए वॉल ऑफ़ गोप भी एक प्रयास है।” साथ ही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही ग्राम प्रधान रीमा राँगड़ ने ये उम्मीद भी जताई कि, “ये कलाकृति एक नया टूरिस्ट एट्रेक्शन बनेगी और स्थानीय लोगों को रोज़गार देगी।”