ग्रामीणों ने रोके रेत से लदे ट्रक

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कोटद्वार/पौड़ी,  प्रदेश सरकार एक ओर जहां आर्थिक संसाधनों का रोना रो रही है, वहीं प्रदेश सरकार, स्थानीय व जिला प्रशासन खनन जो कि प्रदेश की आर्थिकी का एक मजबूत जरिया है को लेकर कितने संजीदा है, इस बात का अंदाजा यहां सुखरो नदी में हो रहे खनन से लगाया जा सकता है। यहां रवन्ना जहां 15 टन का काटा जा रहा है, वहीं ट्रकों में इससे कई गुना माल लादकर यूपी भेजा जा रहा है।

हैरत की बात तो यह है कि स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद वे आंखे मूदे बैठे है। खनन सहित सभी कामों में प्रदेश सरकार जीरो टाॅलरेंस की नीति का दावा तो कर रही है, लेकिन ये दावे खोखले साबित हो रहे है। इस बात का अंदाजा यहां सुखरो नदी में कराए जा रहे खनन से स्वयं ही लगाया जा सकता है। ग्रामीणों ने सुखरो नदी में खनन सामग्री ले जा रहे ट्रकों को रोका और उनसे रवन्ना दिखाने के लिए कहा, रवन्ना देखकर हर कोई हदप्रद रह गया। ट्रकों में रवन्ना सुखरो नदी के बजाय मालन नदी का दर्शाया गया मिला। इतना ही नहीं रवन्ना में खनन सामाग्री का वजन भी पंद्रह टन दर्शाया गया था, लेकिन ट्रकों में खनन सामाग्री का वजन कई गुना अधिक था और ओवर लोडेड थे, जिस पर स्थानीय ग्रामीणों ने खनन सामाग्री ले जा रहे ट्रकों को रोक लिया।

मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद जब उपजिलाधिकारी, एआरटीओ को मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने मौके पर पहुंचने की बात तो कही, लेकिन कई घंटों के इंतजार के बाद भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन सरकार के इशारे पर काम कर रही है, इतना ही नहीं सरकार द्वारा मानकों की अनदेखी कर अपने चहेतों को पट्टों का आवंटन किया गया है। प्रदेश सरकार स्थानीय लोगों का हक मारकर जहां उन्हें और उनके परिवारों को भूखा मारा जा रहा है, वहीं बाहरी लोगों को खनन की अनुमति दी जा रही है। जबकि नियमानुसार खनन के लिए निविदा आमंत्रित की जानी चाहिए थी और इसमें स्थानीय लोगों को ही खनन की अनुमति दी जानी चाहिए थी। बाद में मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी और सीओ ने ग्रामीणों की मांग पर ट्रक का कांटा करवाया तो वजन 46.38 टन पाया गया। मामले में उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों को कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस नेत्रि कृष्णा बहुगुणा ने बताया कि, “नदियों से खनन का 15 टन का रवन्ना काट कर अवैध रूप से ओवेर्लोडिंग कर ट्रको में 46 टन माल निकाला जा रहा है जोकि गलत है |”