शासन के नरम रुख से टला रोडवेज कर्मियों का आंदोलन

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(देहरादून) विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को सचिवालय के घेराव एवं 16 जनवरी से बेमियादी हड़ताल का एलान कर चुके रोडवेज कर्मचारियों के आगे शासन को लचीला रवैया अपनाने को मजबूर होना पड़ा। जनकल्याणकारी योजना के लंबित देयकों समेत सरकार पर बकाया करीब 80 करोड़ रुपए में से शासन ने 22 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने पर मंजूरी दे दी है।

इसके अतिरिक्त कुमाऊं मंडल में अधिकृत मार्गों पर निजी बसों का संचालन का प्रस्ताव निरस्त करने की कर्मचारियों की मांग पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाईपावर कमेटी गठित कर दी है। अब 11 जनवरी को कमेटी की बैठक होगी, जिसमें निजी बसों के संचालन पर फैसला होगा। ऐसे में रोडवेज अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आज के प्रस्तावित सचिवालय कूच का फैसला स्थगित कर दिया। साथ ही 16 जनवरी से बेमियादी हड़ताल का फैसला हाईपावर कमेटी की बैठक पर छोड़ा है। मोर्चा अभी 16 से हड़ताल पर अडिग है।

रोडवेज कर्मचारियों के सामूहिक प्रांत स्तरीय आंदोलन को लेकर सरकार चिंतित थी। दरअसल, रोडवेज कर्मियों की दो ही प्रमुख मांगे हैं। जिनमें सरकार पर बकाया 79.75 करोड़ रुपये के भुगतान व कुमाऊं में रोडवेज के रूटों पर निजी बस संचालन का प्रस्ताव खारिज करना शामिल हैं।

दोनों मांगों को लेकर रोडवेज की छह कर्मचारी यूनियनों ने संगठित होकर संयुक्त मोर्चे का गठन कर शुक्रवार को सचिवालय कूच का एलान व 16 जनवरी से बेमियादी हड़ताल का एलान किया था।

चूंकि, रोडवेज बसों का संचालन आवश्यक सेवा के अंतर्गत है, इसलिए सरकार ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में मामले का समाधान निकालने की कोशिश की।

इसी सिलसिले में सचिवालय में अपर मुख्य सचिव ने संयुक्त मोर्चा को बैठक के लिए बुलाया। जिसमें रोडवेज में चलने वाली जनकल्याणकारी योजनाओं के मद में बकाया राशि में 17.13 करोड़ रुपये का तत्काल भुगतान करने पर सहमति बनी और तय हुआ कि इस राशि से कर्मचारियों का लंबित वेतन दिया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आपदा के मद में जो राशि बकाया है, उसमें 4.66 करोड़ रुपये के भुगतान की कार्रवाई गतिशील है। राशि जल्द निगम को उपलब्ध हो जाएगी। इससे रोडवेज को प्रारंभिक तौर पर 21.79 करोड़ रुपये की मदद मिल जाएगी।

बैठक में अपर सचिव परिवहन एचसी सेमवाल, रोडवेज के प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार संत, वित्त नियंत्रक पंकज तिवारी व महाप्रबंधक दीपक जैन सरकार की ओर से शामिल रहे।

वहीं, संयुक्त मोर्चा से रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री दिनेश पंत, उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक कुमार चौधरी, रोडवेज इंप्लाइज यूनियन के महामंत्री भोला जोशी, उत्तरांचल परिवहन मजदूर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष सहदेव सिंह, उत्तराखंड परिवहन निगम एससी-एसटी श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम किशन और राज्यपथ परिवहन कर्मचारी यूनियन के महामंत्री दया किशन पाठक शामिल रहे।

हाईपावर कमेटी की बैठक पर छोड़े गए ये मामले

-कुमाऊं में निजी बस संचालित करने के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग

-पर्वतीय मार्गों पर संचालन से निगम को हो रहे घाटे की प्रतिपूर्ति की मांग

-अवैध वाहनों का संचालन तत्काल बंद करने की मांग