उत्तराखंडः केदारनाथ धाम में मौसम की पहली बर्फबारी

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केदारनाथ
केदारनाथ धाम में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से तापमान में काफी गिरावट आ गई है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने से निचले क्षेत्रों में भी ठंड महसूस की जा रही है। केदारनाथ धाम में बर्फबारी से यात्रियों के चेहरे खिल उठे हैं। अनलाॅक 5 में छूट मिलने के बाद बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं और अब उन्हें बर्फबारी का आनंद भी मिल रहा है। हालांकि बारिश और बर्फबारी होने से पुनर्निर्माण कार्यो पर बुरा असर पड़ रहा है। धाम में तेज बर्फबारी होने से मौसम पैक हो गया है और हेली सेवाएं भी बंद हो गई हैं। ऐसे में तीर्थयात्रियों को मौसम खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है।
  • बर्फबारी से तीर्थ यात्रियों के चेहरे खिले लेकिन पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित
  • मौसम बिगड़ने से हेली सेवाएं भी हुईं बंद 
दरअसल, आज पूर्वाह्न ग्यारह बजे के करीब केदारनाथ धाम में अचानक से मौसम ने करवट ली, जिसके बाद हल्की बर्फबारी शुरू हो गई। नतीजतन, यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। देखते ही देखते धाम में तेज बर्फबारी होने लगी, जिससे तापमान में भारी गिरावट आ गई है और निचले क्षेत्रों में भी ठंड बढ़ गयी है। देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे लोगों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। हर दिन धाम में करीब दो से ढाई हजार तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं और बाबा का आशीर्वाद ले रहे हैं। केदारनाथ धाम की चोटियों में हर दिन बर्फबारी हो रही है, जबकि धाम में गुरुवार को ही बर्फबारी हुई है।
केदारनाथ धाम के अलावा निचले क्षेत्रों का मौसम भी अब पूरी तरह से बदल चुका है। ठंड ने अब निचले क्षेत्रों में भी दस्तक दे दी है। लोग अब सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनने लग गये हैं। उधर, केदारनाथ में भीषण ठंड पड़नी शुरू हो गई है। केदारनाथ की चोटियों पर बर्फबारी हो रही है, जिससे केदारनाथ की चोटियां अब बर्फबारी के कारण सफेद नजर आ रही हैं। धाम में बर्फबारी से तीर्थयात्रियों के चेहरों पर तो मुस्कान खिली है लेकिन पुनर्निर्माण कार्य पर असर पड़ रहा है। धाम में शंकराचार्य समाधि स्थल का कार्य जोरों पर चल रहा है और अगर मौसम ऐसा ही रहा तो सीमेंट वर्क में दिक्कतें शुरू हो जायेंगी। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने देश-विदेश के श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि धाम में बर्फबारी के कारण ठंड काफी बढ़ गयी है। ऐसे में श्रद्धालु अपने साथ गर्म कपड़ों का इंतजाम करके ही पूरी व्यवस्था के साथ यहां दर्शन करने आएं।