ग्राफिक एरा में बने एक दिन में दो रिकॉर्ड

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देहरादून। ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को दो और वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिये। ये दोनों नये विश्व कीर्तिमान शानदार जायके से जुड़े हैं। कुल मिलाकर 50 तरह के 1500 पास्ता एक घंटा 43 मिनट में बनाकर टीम 33 ने आज का पहला वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया। इसके कुछ ही देर बाद टीम 25 ने 58 मिनट 46 सेकेंड्स में 250 तरह के 1000 मॉकटेल बनाकर एक नया इतिहास रच दिया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल व डीजीपी अनिल रतूड़ी ने इन नये विश्व कीर्तिमानों पर खुशी जाहिर करते हुए ग्राफिक एरा को बधाई दी।

वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के अवसर पर आयोजित समारोह में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रोफेशनल लाईफ में आगे बढ़ने और कुछ नया कर गुजरने के लिए उत्साह के साथ ही अनुशासन और सकारात्मक सोच नितांत आवश्यक है। अपने देश और समाज के लिए कुछ नया करने की भावना युवाओं को भीड़ से अलग पहचान दिलाती है। छात्र-छात्राओं का देशप्रेम और ऊर्जा देश के विकास और खुशहाली की नई इबारत लिख सकती हैं। अग्रवाल ने पास्ता और मॉकटेल में एक दिन में दो नये रिकार्ड बनाने पर शिक्षकों और छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षा के लिए देहरादून पहले से ही मशहूर था। अब उच्च शिक्षा और प्रोफेशनल शिक्षा के क्षेत्र में भी देश भर में देहरादून की एक अलग पहचान बन गई है। उन्होंने ग्राफिक एरा के क्रियाकलापों, नई खोजों और दुनिया को कामयाब प्रोफेशनल देने का जिक्र करते हुए इस उत्तराखंड का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय करार दिया।

डीजीपी ने दी बधाई
पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि विश्व में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है। इस प्रतिस्पर्धा से उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को तकनीकों की शिक्षा देना आवश्यक है। उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने पर शिक्षकों और छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम कुशल प्रोफेशनल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में एक्सीलेंस हासिल करने के लिए अपने आप को चुनौती देना और फिर उस चुनौती पर विजय पाना आवश्यक है। वरिष्ठ पत्रकार विनीता बनर्जी ने मॉकटेल और पास्ता के जायके व प्रस्तुतिकरण को शानदार बताया।

लिम्का बुक में शामिल होंगे रिकॉर्ड
कुलपति डॉ. एलएमएस पालनी ने ग्राफिक एरा के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं के मैराधन लैक्चर, साइकिलिंग, सबसे लम्बी बरफी बनाने, सबसे कम समय में 502 से ज्यादा प्रकार के सलाद बनाने जैसे पुराने वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का उल्लेख करते हुए दो नए विश्व कीर्तिमानों पर बधाई दी। होटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ. ताहिर सूफी ने समारोह में बताया कि छात्र-छात्राएं ये दो नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए काफी दिनों से तैयारियां कर रहे थे। ये दोनों रिकॉर्ड लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने के लिए भेजे जा रहे हैं। एक घंटे 43 मिनट में 50 तरह के जायके वाले 1500 पास्ता बनाने वाली टीम 33 का नेतृत्व होटल मैजनेजमेंट के शिक्षक चंद्रमौलि ढ़ौंढियाल ने किया। इस टीम ने लीख, सैलेरी, रोजमेरी, डिल, ऑरगैनो, थाइम, मारजोरम, हर्ब्स, ब्रोकली, रैड कैपसिकम, चीज, क्रीम, बटर, सफेद सौस आदि की मदद से विभिन्न जायकों वाले ये पास्ता तैयार किए। चंद्रमौलि ढ़ौंढियाल ने बताया कि इसके लिए 50 तरह के सौस तैयार किये किए थे। इटालियन डिश पास्ता को टीम 33 ने दस भारतीय जायकों में भी तैयार किया। कद्दू, पालक और धनिये की मदद से नए तरह के सौस तैयार करके पास्ता को भारतीय रूप दे दिया गया। पास्ता तैयार करने के लिए होटल मैनेजमेंट की इस टीम खुद भी कई तरह के कच्चे पास्ता तैयार किए। कुल मिलाकर 11 तरह के कच्चे पास्ता इस्तेमाल किए गए। गार्निशिंग के लिए कॉन्टीनेंटल हर्ब्स का इस्तेमाल किया गया। इस टीम में शिक्षक अमर डबराल, सुनील नेगी, रवीश कुकरेती, आकाश रावत, सोनम कपूर के साथ ही कपिल बिष्ट, शुभम तड़ियाल, रबीना, मनोज रावत, धीरज, रवि बिष्ट, नीरज, रेबिका, अनूप राणा, पूजा चंदोला, शिवम भट्ट, बसंत गुरूंग, एलिंद, अनुज राणा, तेनजिंग, विकास असवाल, अतुल क्षेत्री, भावना, शाज़ रायस, जसपाल भी शामिल थे।

46 सेकेंड्स में 1000 लोगों के लिए मॉकटेल बनाने का रिकॉर्ड
मॉकटेल का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली टीम 25 ने फूलों और फलों के रस, सोडे, शीतल पेयों, फ्रैश हर्ब्स, मसालों और कटे फलों की मदद से 250 तरह के मॉकटेल तैयार किये। 58 मिनट 46 सेकेंड्स में इस टीम 1000 लोगों के लिए ये मॉकटेल तैयार करके नया इतिहास रच दिया। इस टीम में शिक्षक चंद्रमौलि ढौंढियाल के साथ अमर डबराल, सोनम कपूर व अन्य शिक्षकों के साथ अनुभव भाकुनी, अक्षय श्रीवास्तव, सम्राट बिष्ट, पीयूष नेगी, शिखा मिली, निखत पाशा, देवांश गुप्ता, पार्थ खेड़ा, रिनजिंग, अंकित रावत, अनमोल चावला आदि शामिल थे। समारोह का संचालन डॉ. गिरीश लखेड़ा ने किया। इस मौके पर उप कुलपति डॉ. एचएन नागराजा, कुलसचिव डॉ. पंकज राणा भी उपस्थित रहे।

छात्रों को दी बधाई
ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. कमल घनशाला ने नए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली टीमों को बधाई देते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं के सर्वागीर्ण विकास और उनके व्यक्तित्व को कल की चुनौतियों के लिए तराशने के विश्वविद्यालय ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करता है। यह किसी एक दिन या महीने की बात नहीं है, छात्र-छात्राओं को पूरे वर्ष प्रतिभा को संवारने, टीम भावना और नेतृत्व क्षमता को विकसित करने के अवसर प्रायोगिक तौर पर दिए जाते हैं। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनता है और युवा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होकर प्रोफेशनल लाइफ में कदम रखते हैं।