उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में दो ग्लेशियर आधारित झीलों के अध्ययन के लिए देहरादून से एक टीम 20 सितंबर को रवाना होगी। इस टीम में एसडीएमए, जीएसआई के साथ ही अन्य विशेषज्ञ शामिल रहेंगे।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव विनोद कुमार सुमन ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि राज्य में ग्लेशियर आधारित झीलों का अध्ययन होगा। उन्होंने बताया कि शुरुआत पिथौरागढ़ जिले से की जा रही है। राज्य में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए पहुंची केंद्रीय टीम ने प्रदेश के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया और आपदा में क्षति का जायजा लेकर टीम अब केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय टीम ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बैठक भी की। सचिव सुमन ने बताया कि जल्द ही पोस्ट डिजास्टर नीड़ असिसमेंट के लिए भी केंद्र की टीम उत्तराखंड आएगी। पीडीएनए की टीम के उत्तराखंड में क्षति के आकलन के बाद केंद्र सरकार की ओर से धनराशि स्वीकृत कर जारी की जाएगी। सुमन ने बताया कि इस वर्ष पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी अधिक बारिश हुई है, इसलिए नुकसान भी काफी ज्यादा हुआ है। राज्य ने धराली तथा थराली जैसी भीषण आपदाओं का सामना किया है।
उल्लेखनीय है कि किसी प्राकृतिक आपदा के बाद हुई भौतिक क्षति, आर्थिक नुकसान और पुनर्निर्माण आवश्यकताओं का पीडीएनए व्यापक मूल्यांकन करती है।