काशीपुर: चैती में लगता है ढोलक का एतिहासिक बाजार

0
1672
 काशीपुर- आधुनिक वाध्य यंत्रों की धमक के आगे पौराणिक वाध्य यंत्रों की धुनें खों गयी है। डिस्को की धमक में युवा पीढी वाध्य यंत्रों की धुने भूल रही है, वहीं आज भी उत्तर प्रदेश के अमरोहा के ठोलकों की कभी बेतहासा डिमाण्ड हुआ करती थी मगर आज ढोलक व्यापारियों के सामने अपने पैत्रिक हूनर को बचाना मुश्किल हो गया है।

कभी काशीपुर के चैती मेले में ढोलक का सबसे बडा बाजार लगा करता था जहां खास तौर पर अमरोहा की ढोलकखरीदने लोग दूर दूर से आया करते थे कई किस्म की ढोलक खरीदने मुरादाबाद, बिजनौर, बरेली,रामपुर और मुजफ्फर नगर से मनोरंजन के लिए ले जाते थे, वहीं इस व्यवसाय से जुडे व्यापारियों की इस मेले में सैंकडों ढोलकें बिक जाया करती थी मगर समय के साथ साथ अब इस बाजार की जहां रौनक कम होने लगी है वहीं ढोलक की खरीद कम होने से व्यापारियों के सामने अपना रोजगार बचाना मुश्किल हो गया है।