‘मेक इन इंडिया’ ने दी परंपराओं को ताकत

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    देहरादून,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद देश में शुरू हुए ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का असर दीपावली पर भी साफ दिखाई दिया। इसी का परिणाम है कि पिछले सालों में 50 फीसद तक घट चुके परंपरागत मिट्टी के दीए व अन्य सामग्री के कारोबार ने इस साल काफी उछाल मारा है।

    सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि देशवासियों ने भी इस पहल को शिद्दत से स्वीकार किया। जिस कारण अकेले दून में मिट्टी की सामग्री के कारोबार में डेढ़ गुना तक वृद्धि पहुंच गई है। बात हो रही हैं  दून की कुम्हार मंडी की, जहां करीब दो दर्जन से ज्यादा परिवार पीढ़ियों से मिट्टी से बने दीए, पूजा की थाली व मूर्तियां तैयार कर रहे हैं।

    पिछले सालों में चाइनीज सामग्री बढ़ी बिक्री ने इस बाजार को नरम कर दिया था। हालत ये हो गई कि कई कुम्हारों ने तो मिट्टी के बर्तन बनाने का काम छोड़कर अन्य रोजगार पकड़ लिए। लेकिन, इस साल मिट्टी से बनी पूजा की सामग्री की बिक्री डेढ़ गुना बढ़ गई है, जो कुम्हार इन दिनों में एक हजार रुपये रोजाना कमाता था, आज उसकी कमाई डेढ़ हजार तक पहुंच गई है। इससे कुम्हारों के चेहरे तो खिले ही, साथ ही पूजा के पारंपरिक तरीके में ढलने से लोगों भी खुश हैं। 

    दीये बनाने वाले राजकुमार का कहना है कि, “निश्चित रुप से इस साल हमारे कारोबार में वृद्धि हुई है। यदि सरकार कुम्हारों के लिए संसाधनों का आसानी से उपलब्ध कराने की ओर भी एक कदम बढ़ा दे तो हमारी स्थिति और बेहतर हो जाएगी।” नवीन कुमार ने कहा कि, ‘इस साल मिट्टी के दीये व अन्य सामग्री की बिक्री में वृद्धि हुई है। यदि ऐसा रहा तो आने वाले दो से तीन सालों में स्थिति और अच्छी हो जाएगी।” वहीं, रामशरण ने कहा कि, “पिछले कुछ सालों से लगातार हमारा कारोबार मंदा चल रहा था। कई बार तो हम लोग दुकान लगाने की सोचते भी नहीं थे, लेकिन इस साल हमारे कारोबार ने ऐसा उछाल मारा कि सभी खुश हो गए।”

    एक अन्य कुम्हार का कहना था कि जिस जगह पर मेरी दुकान है वहां पहले कोई ग्राहक नहीं आता है। मुश्किल से दिनभर में तीन से चार ग्राहक, लेकिन आज दोपहर हो गई और मुझे खाना खाने का समय नहीं मिला।