विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी के निरीक्षण को दल रवाना

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फूलों की घाटी

गोपेश्वर,  नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की चार सदस्यीय टीम फूलों की घाटी के निरीक्षण के लिये रविवार को रवाना हो गई है। टीम घाटी में बर्फबारी से हुए नुकसान, पैदल रास्तों की क्षति और यात्री सुविधाओं का जायजा लेगी। दल की रिपोर्ट के बाद घाटी में सुविधाएं जुटाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। इसको लेकर पार्क प्रशासन ने तैयारियों में जुट गया है। अप्रैल माह में भी घाटी का निरीक्षण करने को एक दल गया था लेकिन अत्याधिक ग्लेशियर जमे होने के कारण घाटी में हुए नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल सकी थी। इसके बाद अब पार्क प्रशासन ने एक बाद फिर रविवार को गोविंदघाट से वन दरोगा दिनेश लाल के नेतृत्व में मोहन लाल, वन आरक्षी गुलाब सिह व पुष्कर सिंह घाटी के निरीक्षण को रवाना किया हैं।

चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी के दीदार को प्रतिवर्ष सैकड़ों पर्यटक और वनस्पति विज्ञानी घाटी में पहुंचते हैं। इसके लिये नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के संरक्षित क्षेत्र में घाटी के होने से घाटी के रख-रखाव का जिम्मा भी पार्क प्रशासन का है।

क्या कहते हैं अधिकारी… 
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी मोहन भारती ने बताया कि फूलों की घाटी में इस वर्ष शीतकाल में हुई भारी बर्फभारी के चलते अभी भी पांच फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है। इससे बामण धौड़ा, द्वावारी पुल सहित अन्य चार स्थानों पर ग्लेशियर अटके हुए हैं। निरीक्षण दल के लौटने के तत्काल बाद घाटी में पैदल मार्ग का सुधारीकरण कार्य शुरू करवाया जाएगा।