विश्व की सबसे ऊंची सड़क पर बाइक से पहुंची सुचेता

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(देहरादून) जूनुन की राह पर चलने वाले अपनी मंज़िल पा ही लेते हैं,वह जूनुन चाहे जो भी हो।ऐसे ही अपने जूनुन का पीछा करते-करते उत्तराखंड की यह बेटी ऊंची चोटियों से लेकर कठिन रास्ते पर आगे बढ़ती गई।हम बात कर रहे हैं 19 साल की सुचेता सती की जिन्होंने हाल ही में विश्व की सबसे ऊंची मोटरबेल रोड खारदुंग-ला-दर्रा टॉप पर बाइक चलाने का नया रिकॉर्ड बनाया है।

उत्तराखंड के प्रतिभाशाली युवाओं में से सुचेता उत्तराखंड की पहली बेटी है जिन्होंने लेह स्थित खारदुंग-ला-दर्रा टॉप पर बाइक चलाने का साहस दिखाया है।सीमावर्ती जिला चमोली के जोशीमठ निवासी महेश सती की दो बेटियों में बड़ी बेटी सुचेता सती ने केवल 14 साल की उम्र में बाइक चलाना शुरु कर दिया था। कम उम्र से ही बाइक चलाने के जूनुन ने सुचेता को एक-एक कर कई रिकॉर्ड बनाए हैं, खारदुंग ला टॉप पर जाने वाली सबसे कम उम्र और उत्तराखंड की पहली बाइकर्स गर्ल का खिताब भी सुचेता ने अपने नाम दर्ज कराया, इससे पहले दिल्ली की 20 वर्षीय रिया खारदुंग ला दर्रा टॉप पर गई थीं।

सुचेता ने बताया कि, “आईएएस एकेडमी रेसकोर्स के डीएस रावत की पहल पर 10 जून को देहरादून से 11 सदस्यीय दल करीब तीन हजार किमी दूर खारदुंगला टॉप के लिए निकला, दल में 10 लड़कों के साथ सुचेता अकेली सबसे कम उम्र की लड़की थी।10 जून को यह दल 650 किमी की दूरी तय कर 12 घंटे में पटनी टॉप पहुंचा। दूसरे दिन दल कारगिल के लिए रवाना हुआ। इसके बाद 18 हजार 380 फीट की दूरी तय कर 15 जून को खारदुंग-ला-दर्रा पार कर टॉप पर पहुंचे और 22 जून को मनाली होते हुए देहरादून पहुंची।

 इस बीच रास्ते में रोहतांग दर्रा, केलांग, लांगलांगल, बारलाचला, सर्चू, पांग, मोरेडेजर्ट, लेह, नुब्रा घाटी आदि स्थानों से होकर दल आगे बढ़ा। वह बताती हैं कि दल के सदस्य प्रतिदिन करीब चार सौ किमी बाइक चलाते थे।

चांग्ला में सड़क टूटी हुई थी। ऐसे में कड़ाके की ठंड में खड़ी चढ़ाई पर बाइक चलाना काफी मुश्किल था, लेकिन दल के लीडर जैक्सन लोचन व अन्य साथी पंकज, मानव, आनंद, आकाश, किशन, प्रशांत व अभिषेक ने हौसला नहीं हारने दिया और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

“सुचेता से यह पूछने पर कि इतना बड़ा रिकॉर्ड बना कर उन्हें कैसा लग रहा उन्होंने कहा “यह मेरे लिए एक गर्व का क्षण था और ऐसा कुछ हासिल करना बहुत अच्छा लगता है जो कभी मेरा सपना था।” सर्चू में तापमान माइनस दो-तीन था। इसमें बाइक चलाना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और मंजिल पा ही ली। डीएवी की बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा सुचेता इससे पहले बाइक से औली, हर्षिल, धर्मशाला जा चुकी हैं। वह बताती हैं कि अब उनका अगला लक्ष्य कश्मीर से कन्याकुमारी तक बाइक से सफर करने का है।

18380 फीट ऊंचा है खारदुंग-ला-दर्रा
खारदुंग-ला-दर्रा हिमालय स्थित एक दर्रा है। यह समुद्र तल से लगभग 3000 मीटर (18,380 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह परिवहन योग्य भारत और संभवत: विश्व का सबसे ऊंचा दर्रा है लेकिन इसकी ऊंचाई विवादित भी है, यह दर्रा मध्य एशिया में कशगर को लेह से जोड़ने वाला ऐतिहासिक मार्ग भी है।