भारी बारिश से नदियां उफान पर

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पिछले चार दिन से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं। बैकुल और कैलाश नदी में अत्यधिक पानी आ गया है। इससे आसपास के गांवों के लोग भयभीत हैं। वहीं, बैगुल नदी पुल से करीब पांच फुट नीचे से बह रही है। हालांकि, सिंचाई विभाग ने नदी से किसी भी तरह का खतरा न होने का दावा किया है। ईई ने बताया कि नदियों को नहरीकरण करने से इस बार नदी गहरी हो गई हैं और भूमि कटाव भी नहीं होगा।
nadi me badh
बुधवार को सुबह आठ बजे तक बैगुल नदी में ढाई हजार और कैलाश में तीन हजार क्यूसेक पानी आया। जो शाम पांच बजे तक बढ़ते-बढ़ते बैगुल में 20 हजार और कैलाश में 22 हजार क्यूसेक हो गया। बैगुल और कैलाश नदी के उफान पर होने से नदी किनारे बसे गांवों के लोग बाढ़ की संभावना से सहमे हुए हैं।
तहसीलदार शेर सिंह ग्वाल ने बताया कि सभी बाढ़ चौकियां पूरी तरह अलर्ट हैं। प्रत्येक चौकी पर दिन-रात कर्मचारी तैनात हैं। जो निगरानी कर रहे हैं। क्षेत्र में अभी तक बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। इधर, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता संजय राज ने बताया कि रिवर ट्रेनिंग पॉलिसी के तहत बैगुल और कैलाश नदी में जमी सिल्ट हटाकर उन्हें गहरा कर दिया गया है। नदियों के नहरीकरण होने से अब बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
पानी की निकासी नहीं होने से तहसील परिसर में जलभराव हो गया। अंग्रेजी शासनकाल में बनी तहसील की हालत बद से बदतर हो गई है। बरसात के दिनो में तहसील की छत टपकने से उसमें रखे अभिलेख भीगते हैं। इस बार भी बारिश के कारण तहसील भवन में पानी टपक रहा है। इससे कर्मचारियों में अनहोनी की आशंका पैदा हो गई है। कई बार शासन में तहसील भवन के निर्माण का मुद्दा उठा। लेकिन, अभी तक तहसील का निर्माण नहीं हुआ। आठ माह तक तो तहसील के अधिकारी व कर्मचारियों का वक्त गुजर जाता है। लेकिन, जैसे ही बरसात के दिन आते हैं, तो तहसील के कर्मचारियों में भय बना रहता है।