हरीश को फंसाते-फंसाते खुद फंस गए हरक

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औरों के लिए खाई खोदने वालों के लिए कुआं तैयार होता है। यह मुहावरा उत्तराखंड की राजनीति पर भी चरितार्थ हो रहा है। विधायकों की खरीद फरोख्त के स्टिंग मामले में कांग्रेस व हरीश रावत को फंसाते फंसाते हरक सिंह और भाजपा खुद भी इसके लपेटे में आ गयी है।

सीबीआई ने इस भ्रष्टाचार के मामले में जो एफआरआई दर्ज करायी है उसमें हरीश रावत के साथ साथ हरक सिंह और उमेश शर्मा पर भी आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोपी बनाया गया है।सीबीआई ने हरक सिंह व उमेश शर्मा को आपराधिक षडयंत्र रचने का आरोपी मानने को ही आधार बना कर यह मुकदमा दर्ज किया गया है। अब भाजपा व हरक सिंह जो स्वंय को पाक साफ मानकर यह समझे बैठे थे कि सीबीआई द्वारा इस मामले में सिर्फ एफआईआर हरीश रावत के खिलाफ ही करायी जायेगी। अब वह उनके नाम भी इसमें आने से हैरान परेशान है।

भाजपा में इस कदर हड़कंप मचा हुआ है कि कल तक जो भाजपा नेता चुटकी ले रहे थे कि हरीश रावत ने कुछ नहीं किया है तो वह डर क्यों रहे है? अब उनकी हालत यह है कि उन्हे जवाब देते नहीं बन रहा है वह किसी भी सवाल का जवाब देने से बच रहे है। न तो वह अपने कबीना मंत्री हरक सिंह के बारे में कुछ बोल पा रहे है न इस सवाल पर कि क्या 2016 में हुआ दल बदल बिना प्रलोभन  या लेन देन के हुआ था।
हरीश पर मुकदमा दर्ज कराने के बारे में बीते दिनों हाईकोर्ट में हुई सुनवाई का ही नतीजा है कि भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले में दूसरे पक्ष डा.हरक सिंह व उमेश शर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। यह हरीश रावत  व कांग्रेस की बड़ी सफलता है। खास बात यह है कि इस मुकदमें के आधारशिला के जो कारण इसमें दर्ज किये गये है उनकी वजह से अब इसकी जांच की आंच उनके दामन तक भी पहुंचेगी जो अब तक पर्दे के पीछे रहकर सब कुछ कर रहे थे और तमाशे का पूरा मजा ले रहे थे। सिर्फ हरीश व हरक तक ही नहीं बल्कि 2016 के दल बदल व खरीद फरोख्त के इस मामले से जुड़े कई सफेदपोशों का सच भी सामने आ सकता है। हरक सिंह जो अब यह कहकर पल्ला झाड़ लेना चाहते है कि इसमें उनका कोई रोल नहीं है या अगर मेरा कोई रोल होता तो मैं सीबीआई जांच बंद करने का विरोध क्यों करता? जैसी बातों को कोई अर्थ नहीं रह गया है क्योंकि खुद सीबीआई अब उन्हे इस स्टिंग का साजिशकर्ता मान चुकी है। अब वह खुद भी आरोपी है इसलिए उन्हे जो कुछ कहना है अब अदालत में कहें। मीडिया में दिये गये बयानों का अब कोई अर्थ नहीं है।

कहावत है कि कीचड़ में ईंट मारोगे तो कीचड़ के छीटें आपके दामन पर आयेंगे ही। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस वाली भाजपा के दामन पर भी इस कीचड छीटें आना तय हो चुका है। भाजपा नेता जो कहते थे कि सीबीआई अपना काम कर रही है अदालत अपना काम करेगी, तो अब वह क्यों परेशान है? अगर भाजपा और उसके नेताओं ने कोई कुंआ हरीश रावत के लिए नहीं खोदा था तो भी इस कुएं में खुद को गिरने के भय से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि न्यायालय व सीबीआई अब इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी कर ही देगी। इस संदर्भ में डाॅ. हरक सिंह रावत से बातचीत का प्रयास किया गया लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका।