अब चुनावों की धूम, आचार संहिता का साया

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    नई योजनाओं और घोषणाओं पर एक महीने लगा रहेगा ब्रेक
    त्योहारी सीजन निबटते ही उत्तराखंड में एक महीने सिर्फ चुनावों की धूम रहेगी। नगर निकाय से लेकर पंचायत चुनाव तो होने ही हैं, विधानसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव भी होना है। कह सकते हैं कि नई योजनाओं और घोषणाओं के लिए नवंबर माह में कोई गुंजाइश नहीं रहेगी, क्योंकि प्रदेश का ज्यादातर हिस्सा चुनाव आचार संहिता से प्रभावी रहेगा।
    उत्तराखंड जबसे बना है, तब से बहुत कम ऐसे मौके आए हैं, जिसमें एक महीने के भीतर कई तरह के चुनावी रंग दिखे हों। जाहिर तौर पर यह सियासी दलों का इम्तिहान भी होगा, क्योंकि उसे एक ही समय में चुनाव के अलग अलग प्रारूपों के हिसाब से अपनी रणनीति बनानी होगी और तैयारियों को आगे बढ़़ाना होगा। चुनाव को लेकर दिलचस्प स्थिति भी कम नहीं बन रही है।
    मसलन, हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव नहीं हो रहे हैं। यूपी के जमाने से ही इस जिले के पंचायत चुनाव उत्तराखंड के 12 जिलों से अलग होते हैं। इस लिहाज से हरिद्वार जिले में अभी तक आचार संहिता लागू नहीं थी, लेकिन वहां पर रुड़की नगर निगम के चुनाव का एलान होते ही अब आचार संहिता भी प्रभावी हो गई है। रुड़की में 22 नवंबर को मतदान होना है।
    त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का एक दौैर निबटने के बाद अब दूसरे की तैयारी है। दूसरे दौर में ब्लाक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव होने हैं। हालांकि इसका कार्यक्रम अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, 30 नवंबर से पहले ये चुनाव कराए जाने हैं। इसके लिए नए सिरे से बहुत जल्द चुनाव आचार संहिता लागू होने जा रही है। इन स्थितियों के बीच, पिथौरागढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए जो तारीख तय हुई है, वह भी नवंबर में है। वहां पर 25 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहा है। इस लिहाज से पूरे पिथौरागढ़ जिले में भी आचार संहिता लागू रहेगी।