राज्य सरकार से खफा हुआ स्टेट चुनाव आयोग, चुनाव में देरी करने से नाराज है आयोग

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(देहरादून) उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं हुई राज्य चुनाव आयोग ने राज्य सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहां है कि राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया को पूरा कराने में कोई सहयोग नहीं कर रही है ना ही चुनाव आयोग के पास वर्तमान में निकाय चुनाव को कराने के लिए कोई पैसा है, चुनाव आयोग ने निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट की शरण ली है अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है सुवर्धन ने कहां है कि राज्य सरकार चुनाव पर गंभीर नहीं है, 9 अप्रैल को अधिसूचना जारी करने का था सरकार का वादा है लेकिन अभी तक अभी तक सरकार नहीं कर पाई परिसीमन प्रक्रिया को पूरा जिसके चलते अब राज्य निर्वाचन आयोग को समय पर चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ रहा है अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार के चुनाव ईवीएम मशीन से नहीं हो पाएंगे और मतपत्रों का प्रयोग किया जाएगा

चुनाव प्रक्रिया– नगर निकाय चुनाव को लेकर जो व्यवस्था है उसमें सबसे पहले राज्य निर्वाचन आयोग एक प्रस्तावित कार्यक्रम बनाकर सरकार को भेजता है अपनी स्थिति का आकलन करके सरकार उस प्रस्तावित कार्यक्रम पर या तो सहमति देती है या फिर संशोधित कार्यक्रम बनाकर आयोग को भेजती है इसके आधार पर ही आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करता है गौरतलब है कि सीमा विस्तार पर हाईकोर्ट का आदेश आने से पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने मार्च के पहले सप्ताह में प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम सरकार को भेज दिया था इस में 27 अप्रैल को मतदान कराने और 29 अप्रैल को मतगणना कराने का परामर्श दिया गया था इस पर सरकार को अपना रुख साफ करना था लेकिन वह दोबारा से सीमा विस्तार की प्रक्रिया में उलझी रही