उत्तराखंड में शुरू हुई स्मार्ट पार्किंग, अब घर बैठे कर सकते हैं बुक

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दून में उत्तराखंड की पहली स्मार्ट पार्किंग यानी ऑन स्ट्रीट पार्किंग सेवा शुरू कर दी गई है। अब पुलिस के चालान कटने के डर के बिना घंटाघर से सिलवर सिटी तक सड़क किनारे निर्धारित स्थलों पर वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा। यही नहीं एप के जरिये लोग घर बैठे की अपना पार्किंग स्थल बुक करा सकते हैं। पार्किंग के लिए पहले एक घंटे में दुपहिया के लिए 20 रुपये, जबकि चौपहिया वाहनों के लिए 30 रुपये शुल्क तय किया गया है। सड़क के दोनों तरफ 661 वाहनों को खड़ा किया जा सकता है।

आवास एवं शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने रविवार को स्मार्ट पार्किंग का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला प्रयोग है और इसके सफल होने पर इसे दून की अन्य सड़कों पर भी लागू किया जाएगा। जिस तरह से दून में दिनों दिन वाहनों का दबाव बढ़ रहा है, उसे देखते हुए पार्किंग स्थलों का विकास बेहद जरूरी हो गया है। इस अवसर पर महापौर सुनील उनियाल गामा, एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल के प्रबंध निदेशक मनोज सेमवाल, महाप्रबंधक प्रदीप गैरोला, ट्रांसपोर्ट प्लानर जगमोहन सिंह आदि उपस्थित रहे।

इस तरह रहेगा पार्किंग शुल्क 

पहले घंटे के लिए दुपहिया के लिए 20 व चौपहिया के लिए 30 रुपये। अगले तीन घंटे तक दुपहिया के लिए 30 व चौपहिया वाहनों के लिए 55 रुपये। इस एप से बुक कराएं पार्किंग एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

यह एप ‘एमपार्क’ (दून स्मार्ट पार्किंग) नाम से उपलब्ध है। एप को डाउनलोड करने के बाद उस पर एकाउंट रजिस्टर करना होगा। वाहन कब और कितने समय के लिए खड़ा किया जाना है, इसकी भी जानकारी एप में देनी होगी। इसमें सभी पार्किंग स्थलों के नाम हैं और पार्किंग बुक करने के लिए पहले भुगतान करना होगा। भुगतान के लिए तमाम विकल्प दिए गए हैं और एप के वॉलेट में भी राशि जमा की जा सकती है।

एप में अभी कई तरह के सुधार कर उसे लोगों के उपयोग के लिए और आसान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मौके पर भुगतान के लिए कर्मचारी तैनात मौके पर पार्किंग बुक करने के लिए वर्दी में कर्मचारी तैनात रहेंगे। जो हैंडहेल्ड मशीन के जरिये पार्किंग बुक करेंगे और भुगतान प्राप्त कर उसकी रसीद देंगे। हर पार्किंग स्थल पर सीसीटीवी कैमरे हर पार्किंग स्थल पर जरूरत के अनुसार एक या दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ताकि वाहनों की सुरक्षा भी पुख्ता की जा सके। इनकी निगरानी कंट्रोल रूम से भी की जाएगी।

28 में 22 स्थल पर पार्किंग शुरू 

घंटाघर से राजपुर रोड पर सिलवर सिटी तक दोनों तरफ निर्धारित स्थलों पर 661 वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा। वैसे तो सड़क के दोनों तरफ पार्किंग के 28 स्थान बनाए गए हैं, मगर सबसे अधिक 21 उपयुक्त स्थल घंटाघर से राजपुर रोड की तरफ बढ़ते हुए बायीं तरफ हैं। खास बात यह कि संख्या के हिसाब से भी वाहनों का सर्वाधिक दबाव बायीं तरफ ही रहता है। हालांकि एप के अनुसार अभी 22 ही पार्किंग स्थल शुरू किए गए हैं।

इसमें आइएसबीटी को भी स्मार्ट पार्किंग से जोड़ा गया है। कार के लिए सड़क की तरफ पांच मीटर लंबाई व 2.2 मीटर चौड़ाई प्रति कार के हिसाब से आरक्षित की गई है, जबकि दुपहिया के लिए यह स्थल लंबाई में दो मीटर व चौड़ाई में 1.8 मीटर आरक्षित रहेगा। इन क्षेत्रों में हैं पार्किंग स्थल घंटाघर पर सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के सामने, यूनिवर्सल पेट्रोल पंप, गांधी पार्क के सामने, बाटा शोरूम, मोडा एलीमेंट, बेक मास्टर, क्वालिटी होटल, पैटिशियन कॉलेज फॉर वुमेन की उल्टी दिशा में, सिंडिकेट बैंक, शिवा पैलेस, बहल चौक, कृष्णा टावर, मेक प्लाजा, विशाल मेगा मार्ट की उल्टी दिशा में, जसवंत मॉडर्न स्कूल, बजाज शोरूम, कोहली म्यूजिक सेंटर, अमृतधारा फार्मेसी, रमन ब्लैक बर्ड समेत आइएसबीटी के पास।

पार्किंग को भटकना नहीं पड़ेगा 

ऑन स्ट्रीट पार्किंग स्थल पर जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि दूर से ही यह पता चल सके कि वहां पर वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इससे लोगों को पार्किंग के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहेंगे पार्किंग स्थल एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर के अनुसार स्मार्ट पार्किंग में दिव्यांगजनों के लिए 28 पार्किंग स्थलों में प्रत्येक में एक स्थल आरक्षित रहेगा।

इस स्थल की पहचान यह होगी कि यहां की टाइल्स पर नीले रंग का पेंट किया गया है। कॉम्प्लेक्स की पार्किंग का प्रबंधन भी करेगा एमडीडीए एमडीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि ऑन स्ट्रीट पार्किंग के अलावा विभिन्न कॉम्प्लेक्स की पार्किंग का प्रबंधन करने पर भी एमडीडीए ने कवायद शुरू कर दी है। कॉम्प्लेक्स संचालकों ने इस व्यवस्था पर अपना सकारात्मक रुझान दिया है। अभी पार्किंग की जिम्मेदारी संचालकों पर ही है, मगर उचित प्रबंधन के अभाव में अधिकतर कॉम्प्लेक्स में पार्किंग व्यवस्था सुचारू नहीं है।