अतिक्रमण हटाओ अभियान पर व्यापारियों में गुस्सा, आम लोगों ने कहा सही

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हरिद्वार। एक सप्ताह से अतिक्रमण पर जारी प्रशासन का पीला पंजा सोमवार को भी जारी रहा। अतिक्रमण हटाओ अभियान के चलते जहां व्यापारियों में गुस्सा है वहीं आम लोग इसे सही भी बता रहे हैं। हरिद्वार के इतिहास में अभी तक का यह सबसे बड़ा अभियान बताया जा रहा है जिसके तहत सैकड़ों पक्के मकानों व दुकानों को जमींदोज कर दिया गया।
न्यायालय के आदेश के बाद करीब सप्ताह भर से शुरू हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत प्रशासन की अगुवाई में टीम ने सैकड़ों दुकानों व मकानों को ध्वस्त कर दिया। अतिक्रमण अभियान का सबसे अधिक असर देशरक्षक तिराहे से सिंहद्वार तक दिखा। जहां एक तरफ की लगभग सभी दुकानों को आधे से अधिक ध्वस्त कर दिया गया। अब उक्त मार्ग पर सड़कों पर केवल मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा है। जो मकान दुमंजले व तीन मंजिल के थे खतरे की संभावना को देखते हुए उन्हें काफी हद तक तोड़ने के बाद दुकान व मकान स्वामियों को स्वयं तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं जिस कारण सुबह से ही मजूदर मकानों व दुकानों को तोड़ते नजर आए।
कोर्ट के आदेश के बाद हुई इस कार्रवाई के कारण व्यापारियों में सरकार व स्थानीय विधायक के लिखाफ भारी आक्रोश है। बड़ी संख्या में व्यापारी व स्थानीय लोग शहरी विकास मंत्री व स्थानीय विधायक मदन कौशिक से मिलने उनके आवास पर गए। जहां उन्होंने विधायक के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करते हुए कार्रवाई को रोकने की गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश के कारण विधायक भी असहज दिखे। उनका कहना था कि इस कार्रवाई में वह कुछ भी नहीं कर सकते। यह आदेश सरकार का नहीं न्यायालय का है। यदि सरकार का आदेश होता तो सरकार कुछ कदम उठा सकती थी। आखिरकार लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। बताया जाता है कि इस तरह की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरे शहर में होनी है। इसका सबसे अधिक असर कृष्णानगर की कार्रवाई की तरह ही होगा जिसमें शंकर आश्रम तिराहा, चन्द्रचार्य चौक, ब्रह्मपुरी कालोनी आदि शामिल हैं। अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर व्यापारियों में भय का माहौल व्याप्त है। कुछ व्यापारियों ने नुकसान से बचने के लिए अपने लाल निशान लगे निर्माणों को स्वंय ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। हालांकि प्रशासन की टीम को कार्रवाई के दौरान रोजाना विरोध का सामना करना पड़ रहा है लेकिन प्रशासन की कार्रवाई जारी है। वहीं कुछ लोग कोर्ट के आदेश पर की जा रही इस कार्रवाई को देर से उठाया हुए सही कदम बता रहे हैं।