एसडीएम को आया गुस्सा भड़क उठे शिकायतकर्ता

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रानीखेत सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जाच को पहुंचे उपजिलाधिकारी गौरव चटवाल शिकायत करने वालों पर ही भड़क उठे। क्षेत्रवासी जहां डामरीकरण के कुछ ही दिन बाद ही सड़क उखड़ने का कारण पूछते रहे, वहीं एसडीएम जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई की बात पर अड़े रहे। शुरुआती चरण में डामर की गुणवत्ता को सही करार देते हुए एसडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि कार्यदायी संस्था को क्लीन चिट नहीं दी गई है।

अगले चरण में अनियमितता मिली तो बख्शा नहीं जाएगा। इधर, नाराज नरचौकोट सामाजिक एवं विकास परिषद के पदाधिकारी ने एसडीएम पर अभद्रता का आरोप लगा किसी अन्य तकनीकी विभाग से कराए जाने की मांग उठाई है।  नरचकोट सामाजिक एवं विकास परिषद तथा ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से वलमरा केदार मोटर मार्ग के निर्माण कार्यो पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की थी। शिकायत की तह तक जाने के लिए एसडीएम गौरव चटवाल, एडीबी व प्रशासनिक टीम जाच के लिए बुधवार को मौके पर पहुंची। इसी बीच परिषद अध्यक्ष हृदयेश मेहरा ने शिकायत दोहराई कि डामरीकरण के कुछ ही दिन सड़क उखड़ गई। फिर पैचवर्क कराया गया। वह भी नहीं टिका। लगातार कारण पूछते रहने पर एसडीएम परिषद अध्यक्ष पर ही बिफर पड़े। तीखी तकरार के बीच जहां जहां डामर उखड़ने की शिकायत की गई, एसडीएम ने एडीबी अधिकारियों से जांच कराई। उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग पर दो सेमी गहराई का डामर सही पाया गया है। आगे 15 किमी लंबी रोड की जांच की जानी है। यदि अनियमितता मिली तो कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएंगे।

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परिषद अध्यक्ष हृदयेश मेहरा व व्यापार मंडल अध्यक्ष दिनेश जोशी आदि ने सड़क निर्माण में अनियमितता का आरोप दोहराया है। उन्होंने किसी अन्य विभाग के तकनीकी अधिकारियों से नए सिरे से जांच पर जोर दिया है। आरोप लगाया कि प्रशासन व एडीबी धांधली पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा। इस मौके पर सत्य प्रकाश मिश्रा, एसपी मिश्रा, रघुवीर सिंह, बसंती आर्या आदि मौजूद रहीं।

एसडीएम गौरव चटवाल ने कहा कि  अभद्रता का सवाल ही नहीं है। शिकायतकर्ता ऊंची आवाज में बार-बार एक ही सवाल उठाते रहे। हमने तो समझाया कि जांच का पहला दिन है। अभी 15 किमी तक जांच करेंगे। जहां-जहां कहा, वहीं पर सड़क खोदकर दिखाया। गुणवत्ता ठीक पाई गई। अभी हमने कार्यदायी संस्था को क्लीन चिट भी नहीं दी है। आगे गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई करेंगे।