भगवान राम जन्म लीला का मंचन

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भगवान राम जन्म लीला का मंचन

श्री रामलीला मंचन काशीपुर के दूसरे दिन रावण दिग्विजय के बाद रामजन्म लीला का मंचन किया गया। भगवान राम के जन्म के बाद सभी हर्षित होकर भगवान की जय-जयकार करने लगे। अवध में नाच गाना कर सभी झूमते नजर आए।

 देर रात रामलीला के मंच पर रावण दिग्विजय और रावण के अत्याचार से सभी देवता और पृथ्वीवासियों के दुखी होने के प्रसंग का मंचन किया गया। लोगों ने दुखी होकर भगवान की स्तुति की तो आकाशवाणी द्वारा भगवान के जन्म लेने की जानकारी मिली। इससे सभी हर्षित हो गए। सभी अपने अपने घर जाकर बेसब्री से भगवान की प्रतीक्षा करने लगे।

बहुत सुहावने मौसम में भगवान ने कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लिया। साथ ही कौशल्या को अपना चतुर्भुज रूप दिखाया। इसे देखकर कौशल्या भयभीत हो गईं। जिसके बाद भगवान उनको बताते है कि वो उनकी कोख से जन्म लेंगे और राक्षसों के विनाश के लिए जन्म लेंगे। रामलीला मंचन के दौरान रंगमंच पर स्थानीय कलाकारों की ओर से श्रीराम जन्म का दृश्य प्रस्तुत किया गया। ताड़का- सुबाहु वध मारिच और अहिल्या उद्धार की लीला का मंचन आज किया जाएगा। कलाकारों की ओर से किए गए मंचन की दर्शकों ने जमकर प्रशंसा की। रात दिखाए गए रामलीला में कलाकारों ने अपने-अपने अभिनय के माध्यम से दर्शकों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मंचन में दशरथ की भूमिका में  गहतोडी, विश्वामित्र पंत जी, विष्णू शिवम अग्रवाल, शिव विशाल भारद्वाज, अग्नि राजकुमार यादव बने थे। इस मौके पर अध्यक्ष रामलीला कमेटी विष्णु अग्रवाल, संरक्षक महेश कुमार अग्रवाल, शरद मित्तल, उपमंत्री मनोज अग्रवाल, भण्डारी मुकेश कुमार, दीनेश अग्रवाल, राजेन्द्र मेहरोत्रा, शर्वेश शर्मा, रिषभ अग्रवाल, कैलाश प्रजापति, मनोज अग्रवाल, अजय अग्रवाल आदि मौजूद थे।

शिवम के विष्णु भगवान के किरदार की अनुठी छाप
कम उम्र मगर अभिनय का गूड अनुभव ही शिवम की कलाकारी का लोहा है, शिवम पायते वाली रामलीला में विभिन्न किरदार निभाते करते है, शोम्य स्वभाव और सुरों के धनी शिवम राम के अभिनय को भी रामलीला में करते हैं, शुरुवाती रामलीला में भगवान विष्णु का किरदार निभागर शिवम ने अपनी एक अनुठी छाप छोडी है।
काशीपुर के रहने वाले शिवम बचपन से ही अभिनय का शोक रखते हैं, और अभिनय को पंख देने के लिए रामलीला के मंच को जरीया बनाकर शिवम ने अपनी अदाकारी से सभी का मन मोह लिया है, शिवम के गले से निकले सुर, रागों पर पकड और अदा के धनी होने के कारण ही उनकी विशेष छवि रामलीला में रही है, लम्बे समय से रामलीला में राम , भरत और विष्णु का किरदार करते आ रहे हैं शोम्य स्वभाव के कारम ही उनको मिलने वाले पाठ भी उनकी छवि के अनुसार ही मिलते हैं, वहीं जल्द शिवम राम के किरदार में काशीपुर की पायते वाली रामलीला में दिखाई देंगें।