रक्षाबंधन पर इस बार विशेष संयोग

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इस बार श्रावण मास में विशेष संयोग बने हैं, जहां इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार हैं। वहीं सोमवार से प्रारम्भ हुए श्रावण मास का समापन भी सोमवार को होगा।

पहले दिन सोमवार स्वार्थ सिद्ध योग का होना भी वर्षों बाद हुआ है, इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व सात अगस्त को है। उसी दिन चन्द्रग्रहण भी होगा। चन्द्रग्रहण रात्रि 10 बजकर 29 मिनट से आरम्भ होकर रात्रि 12 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। कुल एक घंटा 53 मिनट तक रहने वाले चन्द्रग्रहण का सूतक काल दोपहर एक बजकर 29 मिनट से आरम्भ हो जाएगा। इतना ही नहीं उसी दिन के 11 बजकर चार मिनट तक भ्रदा रहेगी, ग्रहणकाल व भद्रा में रक्षाबंधन निषेध बताया गया है।

इस कारण रक्षाबंधन व श्रावणी उपाकर्म सोमवार को 11 बजकर 5 मिनट से दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक ही किए जा सकेंगे। इस कारण लोगों व ब्राह्मणों के पास रक्षाबंधन व उपाकर्म करने के लिए 2 घंटे 23 मिनट का समय ही रहेगा। 1 बजकर 29 मिनट से ग्रहण का सूतक काल प्रारम्भ हो जाने के कारण भी रक्षाबंधन व श्रावणी कर्म निषेध रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप जोशी के अनुसार ग्रहण के सूतक काल में रक्षाबंधन व श्रावणी कर्म नहीं किए जा सकते। इतना ही भोजन आदि करना भी सूतक व ग्रहण काल में निषेध बताया गया है। बीमार व बुजुर्ग तथा बच्चे सूतक काल में भोजन आदि का सेवन कर सकते हैं, किन्तु ग्रहण काल में यह पूर्ण निषेध बताया गया है।