खराब मौसम के कारण सब्जियों के दाम आसमान पर

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हरिद्वार,  लगातार हो रही बारिश के कारण यातायात में परेशानी और सड़कों के बंद होने की वजह से काश्तकार फल सब्जियों को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिसके कारण बाजारों में सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं। जिस कारण काश्तकारों और ग्राहकों दोनों को ही भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सब्जियों का व्यापार करने वाले काश्तकार पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बरसात से फल-सब्जियों को मंडी तक नहीं पहुंचा पा रहे। वहीं अन्य प्रदेशों से आने वाली सब्जियों का भी ऐसा ही हाल है। आसपास के प्रदेशों के कई इलाकों में भारी बारिश और जलभराव के कारण फसलें या तो नष्ट हो गई है। या फिर खेतों में पानी भरे होने के कारण उनकों तोड़ा नहीं जा पा रहा है। इतना ही नहीं सड़कें बंद होने के कारण भी सब्जियों की सप्लाई पर असर पड़ा है। जिस कारण सब्जियां मंडी में न पहुंच पाने के कारण उनके दामों में खासा उछाल आ गया है। बाजार में गिनी-चुनी सब्जियां की देखने को मिल रही हैं। जो सब्जियां आ रही हैं उनके दाम दोगुने से भी अधिक हैं।

मानसून के समय पहाड़ी इलाकों से बंद गोभी, फूल गोभी, शिमला मिर्च, लौकी, तोरई, ककड़ी, कद्दू सहित कई सब्जियों की भरपूर पैदावार होती है लेकिन मूसलाधार बरसात से पहाड़ों में काश्तकारों के सामने इन सभी फल सब्जियों को मण्डी तक पहुंचाने में भारी दिक्कतें हो रही है। ऐसा ही हाल मैदानी इलाकों का भी है। लक्सर व आसपास के क्षेत्र में गंगा जल खेतों तक पहुंच जाने के कारण सब्जियां नष्ट हो चुकी हैं। जहां खेतों में सब्जियां हैं वहां से उन्हें मंडी तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। बरसात के समय काश्तकारों के लिए सब्जियां तोड़ना खतरे से खाली नहीं है। मडी के दुकानदारों का कहना है कि जैसे-जैसे मौसम सामान्य होता जाएगा, सब्जियों की आवक बढ़ने लगेगी और उनके दामों में भी कमी आएगी।

सब्जी विक्रेता भोगराज व श्याम सिंह का कहना है कि बरसात के दिनों में वैसे भी सब्जी की आवक कम रहती है, किन्तु प्रदेश व प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण खेत व सड़के जलमग्न हैं। जिस कारण सब्जी की आवक पर असर पड़ा है। अब मौसम ठीक होने लगा है। एक पखवाड़े के बाद स्थिति सामान्य होने लगेगी और लोगों को मंहगाई से भी राहत मिलेगी।