ऋषिकेश में तेज़ी से आकार लेने लगा है पहाड़ पर रेल का सपना

ऋषिकेश। पहाड़ पर रेल का सपना आखिर सच होने ही जा रहा है। उत्तराखंड के तीर्थो को रेलवे लाइन से जोड़ने को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है जिसके लिए तेज़ी से पहाड़ो पर रेल लाइन विस्तार की योजना बन रही है। हरिद्वार -रुड़की – ऋषिकेश के स्टेशन के भी कायाकल्प की तैयारी में विभाग जुट गया है और इसके लिए रेल लाइन का कार्य तेजी से हो रहा है।

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उत्तराखण्ड के पहाड़ों पर रेल चलना एक सपने के जैसा ही है। लेकिन ये सपना अब साकार रुप लेने लगा है..इस सपने को लेकर रेल मंत्रालय कसरत में जुट गया है जिसके लिए उत्तराखंड के तीर्थो को रेलवे से जोड़ना पहली प्रथमिकता हैरेलमंत्री द्वारा इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखने के बाद अब विभाग भी अपनी तैयारियों में जुट गया है।  इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत १२ स्टेशनों सहित १६ सुरंगों और पुलों का निर्माण किया जाएगा।

ऋषिकेश में पहला स्टेशन न्यू ऋषिकेश के नाम से बनने जा रहा है जिसके लिए विभाग ने वन विभाग से हस्तांतरित भूमि में वन कटान कर और चंद्रभागा नदी में ब्रिज निर्माण की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है, और काम बड़ी तेजी के साथ पूरा हो रहा है. ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के प्रोजेक्ट मैनेजर ओ पी मालगुड़ी ने बताया की काम तेजी के साथ हो रहा है. रेलवे ने ऋषिकेश से करप्रयाग तक रेल लाईन बिछाने अपना मास्टर प्लान तैयार कर लिया है,जिसके लिए भूमि अधिग्रहण काम भी लगभब पूरा हो चूका है। विभाग का मनना सुरवाती चरणों का कार्य पूरा हो चूका है और बाकी की तैयारियों में भी विभाग लगा हुवा है.प्रोजेक्ट मैनेजर ओ पी मालगुड़ी की माने तो ये सपना 2024 तक पूरा हो सकता है.

ऋषिकेश देवभूमि के प्रवेश द्वार के साथ साथ चार धाम यात्रा का मुख्य केंद्र है यहाँ से पहाड़ो पर अभी रेल को पहुचना एक चुनौती है जिस पर रेल मंत्रालय लगतार कामो को अंजाम देने में लगा है. उम्मीद है आने वाले कुछ सालो में पहाड़ो पर तीर्थयात्रा का लुफ्त रेल से भी उठाया जायेगा।