तो यहां से शुरु होगा राज्य में रेल निर्माण

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उत्तराखंड में डबल इंजन लगते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट महत्वाकांक्षी चार धाम रेल नेटवर्क जल्द हकीकत बनने जा रहा है। राज्य की आर्थिकी के लिए यह अहम कदम होगा ही, साथ ही चार धाम को विश्व के धार्मिक पर्यटन सर्किट में भी ऊंचा दर्जा हासिल हो सकेगा। इस सिलसिले में केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु आगामी 13 व 14मई को चार धाम क्षेत्र का एरियल सर्वे करेंगे।
उत्तराखंड में केदारनाथ धाम समेत तीन धामों को विश्व पर्यटन मानचित्र पर खास तवज्जो देने की मंशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जता चुके हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी और उनकी केंद्र सरकार ने अपने पहले रेल बजट में चारों धामों को रेल नेटवर्क से जोड़ने का वायदा किया था। इस वायदे को धरातल पर उतारने का वक्त अब करीब आ रहा है। तकरीबन तीन साल बाद रेल मंत्रालय इस अहम प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर हुआ है। गौरतलब है कि राज्य में डबल इंजन लगने के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट की गति में तेजी आती दिख रही है। इस प्रोजेक्ट को चार धाम के साथ ही सामरिक लिहाज से भी अहम माना जा रहा है। इस कड़ी में अब चार धामों को रेल नेटवर्क से जोडऩे की तैयारी भी शुरू होने जा रही है। प्रधानमंत्री की विशेष रुचि देखते हुए रेल मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को गति देने की ठान ली है।
एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि
  • प्रदेश के चार धाम को आपस में जोड़ने के लिए रेल सर्किट विकसित किया जायेगा।
  • रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु 13 मई को इसका शिलान्यास करेंगे।
  • इससे जोशीमठ, सोनप्रयाग भी रेल से जुडेंगे।
सीएम रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में पानीपत से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरु किया गया था। इसके बाद वहां बेटियों का अनुपात 837 से 950 तक पहुंच गया है। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ में बालिका अनुपात की स्थिति ठीक नहीं है इसलिए अधिकारियों को पिथौरागढ़ के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।इसके अलावा जन जागरूकता जरूरी है तो जो भी कन्या भ्रूण हत्या में संलिप्त पाया जाएगा उस पर सख्त कार्यवाही की जाये।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अगले तीन वर्षों में हमारा लक्ष्य 500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित करने का है। वर्ष 2018 तक प्रदेश के सभी परिवारों को बिजली उपलब्ध करवा दी जाएगी। वर्तमान में 1 लाख 25 हजार परिवार ऐसे हैं जिन्हें मुख्य ग्रिड से बिजली पहुंचाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। ऐसे परिवारों को आॅफ ग्रिड बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी।