रक्षाबंधन पर दून के पोस्ट ऑफिसों में लगी बहनों की कतार

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इसे समझो ना राखी का तार भईया,मेरी राखी का मतलब है प्यार भईया

यह लाईनें उन सभी बहनों पर बिल्कुल फिट बैठती है जो रक्षाबंधन त्यौहार के लगभग 15 दिन पहले से पोस्ट ऑफिस के चक्कर काटने लगती हैं ताकि उनकी भेजी हुई राखियां उनके भाईयों तक सही समय पर पहुंच जाएं। ऐसा ही कुछ नज़ारा देखने को मिला देहरादून के छोट-बड़े सभी पोस्ट ऑफिसों में।

पिछले लगभग बीस दिनों से घंटाघर स्थित जीपीओ में बहनों का अपने भाईयों को राखी भेजने के लिए तांता लगा हुआ है। इस बार खास बात यह है कि पोस्ट ऑफिस की बिल्डिंग में घुसते ही आपको छोटे-छोटे लाल और काले रंग के 5-6 मेल बॉक्स दिखेंगे।यह मेल बॉक्स अलग-अलग शहरों जैसे कि दिल्ली,मुंबई,पुणे,कोलकाता,चेन्नई आदि जगहों के है। इनमें आप अपना लिफाफा टिकट लगाने के बाद सीधे डाल सकते हैं।

इसके अलावा रक्षाबंधन को ध्यान में रखते हुए पोस्ट ऑफिस में नए काउंटर लगाए हैं जिससे लोगों को राखी भेजने में कम परेशानी का सामना करना पड़ें।

पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट के काउंटर पर बैठे कर्मचारी बताते हैं कि पिछले 15 दिनों से हर रोज हजारों राखियां पोस्ट हो रही हैं। सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक हम हर हजारों स्पीड पोस्ट,कोरियर और रजिस्ट्री कर रहे हैं।

इतना ही नहीं इस समय देहरादून के जीपीओ में भाई बहन पर आधारित गानें भी चल रहे हैं। रक्षाबंधन को ध्यान में रखते हुए हुए भले ही पोस्ट ऑफिस में स्पीड पोस्ट के काउंटर बढ़ा दिए गए हों लेकिन भीड़ अभी भी उतनी ही हैं। अपने भाई को चेन्नई राखी भेजने आई सरिता पंवार ने बताया कि “मैं हर साल अपने भाई की राखी इस पोस्ट ऑफिस से भेजती हूं लेकिन इस बार बाहर की ओर रखे गए अलग-अलग शहरों के मेल बॉक्स लगे होने से लोगों को काफी आराम है।”

आपको बतादें कि आने वाली 26 अगस्त को देश के हर कोने में रक्षाबंधन धूम-धाम से मनाया जाएगा।जहां एक तरफ शहर में राखियों से दुकानें सजी हुई हैं वही मिठाई की दुकानों में रक्षाबंधन पर बिकने वाली खास मिठाई घेवर भी सज गए हैं।शहर की बेहतरीन मिठाई की दुकानें जैसे कि कुमार स्वीट्स,बंगाली स्वीट्स,आनंदम और नाथू जैसे दुकानों पर लोग मलाई घेवर खरीदने वाले आ रहे हैं। घंटाघर स्थित बंगाली स्वीट्स पर काम करने वाले राजीव ने बताया कि “सावन के महीने से शुरु होकर रक्षाबंधन तक बिकने वाली यह मिठाई लोगों को बहुत पसंद आती है और बाजार में केवल 20 दिन बिकने की वजह से इसकी डिमांड बहुत ज्यादा रहती है।” यह मिठाई 400-500 रुपये किलो के बीच में आती है और दून में बहनें रक्षाबंधन पर घेवर से ही भाईयों का मुंह मीठा करती है।