राजस्व पुलिस व्यवस्था हटने से बेहतर होगी कानून व्यवस्था: अशोक कुमार

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उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सदियों पुरानी राजस्व पुलिस व्यवस्था को छह माह में ख़त्म कर रैग्युलर पुलिस के लिए थाने बनाकर स्थापित करने के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति अलोक सिंह की खण्डपीठ ने टिहरी गढ़वाल में सन 2011 के  दहेज़ हत्याकाण्ड में सजायाफ्ता आरोपी की याचिका को ख़ारिज करते हुए राजस्व पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं।

दरअसल राज्य में अभी भी एक बड़ा हिस्सा राजस्व पुलिस के अंतर्गत आता है। वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने टीम न्यूज़पोस्ट से बातचीत में कहा कि “हाईकोर्ट के इस आर्डर का मैं पूरी तरह से समर्थन करुंगा।अब वो समय नहीं रहा कि हम राजस्व पुलिस व्यवस्था के साथ चले। पहले बात कुछ और थी और सरकार का एक नुमाइंदा पूरे गांव की समस्याओं का समाधान कर देता था।लेकिन बदलते समय के साथ सड़के बढ़ी है,ट्रैफिक बढ़ा है,ड्रग की समस्या,कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में माओवादीयों का डर होने के साथ-साथ बहुत सी चीजें राज्य में बदली हैं। उत्तराखंड में बहुत से नए चैलेंज आ गए हैं, क्राइम रेट बढ़ा हैं और इन सबसे लड़ने के लिए राजस्व पुलिस तैयार नहीं है।हर गांव और क्षेत्रों में एक सरकारी नुमाइंदा कहां तक व्यवस्था को बना कर रख पाएगा।ऐसे में पूरी तरह से पुलिसिंग का होना जरुरी हो गया है।”

राज्य पुलिस ने अपनी तरफ से इस बदलाव की तैयारियां भी कर ली हैं। अशोक कुमार ने बताया कि “हर थाने और 39 चौकी में इसके लिए पहल शुरु कर दी गई है और आगे जरुरत के हिसाब से हम अलग-अलग क्षेत्रों में और पुलिस सुविधा बढ़ा सकते हैं।पुलिसिंग होने से चीजें बेहतर हो जाऐंगी और तेजी से हो रहे शहरीकरण,क्राइम,ट्रैफिक और ड्रग्स जैसे बड़ी दिक्कतों से सामना करने को पुलिस तैयार भी है।”

राज्य बनने के बाद लगभग 20-25 जगहों पर राजस्व पुलिस को हटाकर बदलाव किए जा चुके हैंं लेकिन पूरी तरह से इसके लागू होने के बाद पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने में आसानी होगी।

वहीं हाई कोर्ट ने नैनीताल जिले के वनभूलपुरा थाने और ऋषिकेश थाने के देश के टॉप दस थानों में नाम आने पर यहाँ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की सराहना की है। न्यायालय ने राज्य में पुलिस प्रशिक्षण संस्थान, पुलिस प्रशिक्षण स्कूल, पुलिस अकेडमी और अन्य प्रशिक्षण केंद्र खोलने को भी कहा है।