ऊर्जा निगम पर लगा 14 करोड़ से अधिक का जुर्माना

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    देहरादून। सरकारी विभागों की कार्यशैली किस तरह लोगों को रुलाती है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती, लेकिन जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में कार्रवाई होती है। इसका प्रमाण विद्युत नियामक आयोग के निर्णय हैं। विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन देने में देरी और लापरवाही बरतने पर यूपीासीएल पर 14 करोड़ 58 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

    यूपीसीएल के एमडी के अनुरोध पर यह रकम छह किश्तों में दिए जाने की राहत दी है। विद्युत नियामक आयोग की धारा में प्रावधान है कि बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किए जाने के बाद अगर यूपीसीएल निश्चित समय में कनेक्शन देने में असफल रहता है तो खुद ही जुर्माना लग जाता है। इसकी गणना धनराशि पर 10 से 1000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगाया जाता है। उक्त जुर्माना यूपीसीएल के विद्युत वितरण खंडों द्वारा मासिक रिपोर्ट के साथ आयोग में जमा कराए जाने का भी प्रावधान है। आयोग ने 2009 से 2015 तक करीब 40 हजार से ज्यादा कनेक्शनों में देरी पर छह करोड़ 51 लाख 89 हजार 545 रुपये का जुर्माना लगाया था।
    इस जुर्माने की रकम को लेकर यूपीसीएल के एमडी बीसीके मिश्रा ने आयोग से आग्रह किया कि पुराने प्रकरणों में सुधार लाया जाएगा। इसमें देरी के लिए खंड व उपखंडों में तैनात कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने का भरोसा देते हुए माफी का आग्रह किया। आयोग के चेयरमैन सुभाष कुमार ने छह किश्तों में उक्त रकम जमा करने को कहा। इसी बीच आयोग ने पाया कि यूपीसीएल ने 2015 व 2016 में करीब 18 हजार 600 कनेक्शन देने में देरी की हैं। ऐसे में आयोग ने पुराने प्रकरण को भी माफ करने से इनकार करते हुए अब नए सिरे से 14 करोड़ 58 हजार का जुर्माना जल्द आयोग में जमा करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान आयोग ने एमडी के आग्रह पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जाहिर कर सवाल खड़े किए।
    आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि यदि अब उक्त जुर्माने की रकम जमा न हुई तो आयोग को कानूनी कार्रवाई करने को बाध्य होना पड़ेगा। इस संबंध में आयोग ने कड़े आदेश जारी कर दिए हैं।