पवित्र छड़ी यात्रा का समूचे उत्तराखण्ड में हो रहा है भव्य स्वागत

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हरिद्वार, चारों धाम की पवित्र छड़ी यात्रा श्रद्धा उत्साह के साथ जारी है। दो धामों की यात्रा के बाद छड़ी यात्रा ने गुरूवार को केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया। यात्रा का जगह-जगह लोगों द्वारा पूजा अर्चना के साथ स्वागत किया। दो धामों की यात्रा के बाद पवित्र छड़ी गुरूवार की सायं को रूद्रप्रयाग पहुंची। यहां रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी।
गुरुवार को यह जानकारी देते हुए श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अर्न्तराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत स्वामी हरिगिरि ने जूना अखाड़े में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि यात्रा सफलतापूर्वक जारी है, छड़ी यात्रा यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के बाद केदारनाथ के लिए रवाना हो चुकी है, गुरूवार को पवित्र छडी रूद्रप्रयाग पहुंची, जहां पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने पूजा अर्चना के बाद स्वागत किया। रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार को केदारनाथ के लिए रवाना होगी।
प्रदेश सरकार द्वारा यात्रा को राजकीय यात्रा घोषित करने के बाद प्रशासन के साथ ही जगह-जगह स्थानीय लोगों द्वारा श्रद्धा एवं उत्साह के साथ स्वागत किया जा रहा है। बतातें चले कि चारों धाम के लिए श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा पवित्र छड़ी यात्रा शुरू किया गया है। प्रदेश के पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों के लिये शुरू की गई छड़ी यात्रा को मुख्यमंत्री द्वारा विधि विधान के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा गत 12 अक्टूबर को रवाना किया था। हरिद्वार के मायादेवी मन्दिर प्रांगण से प्रारम्भ हुई यह यात्रा प्र्रदेश के चारों धामों के साथ साथ अन्य पौराणिक स्थलों तथा मठ मन्दिरों से होती हुई जायेगी।
चारों धामों की यात्रा के बाद पवित्र छड़ी अन्य पौराणिक स्थलों पर भी जायेगी। छड़ी यात्रा का समापन 5 नवम्बर को हरिद्वार वापसी के साथ होगा। श्रीमहंत हरिगिरि ने बताया कि सनातन धर्म को बढ़ावा देने तथा जीर्णशीर्ण मठ मन्दिरों, सिद्व स्थलों के प्रति जागरूकता लाने के ध्येय से शुरू की गयी छड़ी यात्रा से प्रदेश में श्रद्वालुओं का आगमन बढ़ेगा। छड़ी यात्रा के प्रमुख श्रीमहंत प्रेमगिरि, श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती, श्रीमहंत धीरज गिरी, श्रीमहंत पुष्पराज गिरि, श्रीमहंत इन्द्रानंद सरस्वती, श्रीमहंत शिवदत्त गिरी सहित कई अन्य प्रमुख लोग साथ साथ चल रहे हैं।