ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल बनने से दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा लाभ

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल बनने से आमजन के साथ राज्य के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को काफी मदद मिलेगी। अपीलों की सुनवाई में आने-जाने में लगने वाला समय भी बचेगा। शासन प्रशासन से संबंधित अपनी व्यक्तिगत और सामुदायिक कठिनाइयों का निराकरण करने में और आसानी हो जाती है।

सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड ऑनलाइन आर.टी.आई.पोर्टल और ऑनलाइन द्वितीय अपील/शिकायत व हाईब्रिड सुनवायी की व्यवस्था का शुभारंभ के मौके पर यह बातें कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सूचना अनुरोध पत्रों और प्रथम अपीलों के ऑनलाइन प्रेषण के लिए बनाये गये पोर्टल का भी शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज प्रारंभ की गई ऑनलाइन सुविधाओं का सबसे अधिक लाभ राज्य के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को प्राप्त होगा। उन्हें सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत आवेदन व प्रथम अपील ऑनलाइन करने की सुविधा प्राप्त होने के साथ-साथ द्वितीय अपील में भी अपने स्थान से ही प्रतिभाग करने की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आमजन इन सुविधाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएंगे।

मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा ने कहा कि द्वितीय अपीलों और शिकायतों के ऑनलाईन पंजीकरण व हाईब्रिड मोड से सुनवायी में भाग लेने की दोनों सुविधा आज से ही जनसामान्य के लिए उपलब्ध करा दी जायेंगी। ऑनलाइन आर.टी.आई. पोर्टल में समस्त विभागों के लोक सूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों की आई.डी. तैयार की जायेंगी और संबंधित अधिकारियों को पोर्टल पर कार्य करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। शीघ्र ही पोर्टल के माध्यम से जनसामान्य की ओर से सूचना आवेदन पत्र,आवेदन शुल्क और प्रथम अपील को ऑनलाइन रूप से भी प्रेषित किया जा सकेगा।

521 सुनवाई में कुल 299 वादों का निस्तारण –

मुख्य सूचना आयुक्त ने सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त अपीलों व शिकायतों के पंजीकरण एवं निस्तारण की प्रगति के बारे में बताया कि दिसम्बर 2023 में आयोग की ओर से 521 सुनवायी करते हुए कुल 299 वादों को निस्तारित किया गया। जनवरी 2022 से माह दिसम्बर 2023 तक की अवधि में आयोग की ओर से कुल 11037 सुनवायी कर 6735 वादों का निस्तारण किया गया।