अब ट्यूलिप के फूलों से महकेंगे चमोली के गांव

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गोपेश्वर,  सब कुछ ठीक ठाक रहा और उद्यान विभाग चमोली की योजना रंग लायी तो जल्द ही चमोली जिले के कई गांवों में ट्यूलिप फूलों की खेती शुरू हो जायेगी। इससे काश्तकारों की आर्थिकी तो सुधरेगी ही साथ ही बंदरों और जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेगा।
चमोली जिले का उद्यान विभाग आजकल काश्तकारों को चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर के निकटवर्ती कोठियालसैण में ट्यूलिप फूलों की प्रदर्शनी लगाकर उन्हें इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है। शनिवार से दो दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें जिले भर से 200 काश्तकारों ने इस पुष्प प्रदर्शनी में भाग लिया है। इन्हें प्रमाण पत्र देकर गांवों में फूलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पुष्प प्रदर्शनी में उत्कृष्ट काश्तकरों में प्रथम पुरस्कार सुनाक गौचर के त्रिलोक सिंह असवाल, दूसरे स्थान पर गोपेश्वर सुभाष नगर के राकेश मोहन पंत व तीसरे स्थान पर पुरसाडी की राजेश्वरी देवी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
जिला उद्यान अधिकारी तेजपाल सिंह ने बताया कि चमोली जिले में ट्यूलिप का उत्पादन पहली बार किया जा रहा है। इससे काश्तकारों को फूलों के उत्पादन के प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। काश्तकारों को जिरेनियम, डॉग फ्लावर, फ्लाक्स और गेंदा जैसे व्यावसायिक उपयोग में आने वाले फूलों को उगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
विभाग योजना के द्वितीय चरण में काश्तकारों को चयनित कर स्वरोजगार के लिए फूलों की खेती का कार्य करने जा रहा है। इससे काश्तकारों की आर्थिकी में गुणात्मक सुधार होगा। रविवार को पुष्प प्रदर्शनी देखने के लिए दूर-दूर से आये लोगों का तांता लगा रहा।