एनआईटी के स्थाई परिसर को देखी जमीन, एमएचआरडी को जाएगी रिपोर्ट

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केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की तीन सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को सुमाड़ी में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के स्थाई परिसर के प्रस्तावित निर्माण के लिए 125 हेक्टेयर जमीन का जायजा लिया। टीम के तीनों सदस्यों ने मीडिया से दूरी बनाते हुए चार-पांच स्थानों पर कुछ देर रुककर नक्शे के आधार पर जमीन की वास्तविक स्थिति देखी। मुआयने के बाद टीम शाम को दिल्ली रवाना हो गई।

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय दिल्ली में एनआईटी संस्थानों का काम देख रहे निदेशक संजीव शर्मा के नेतृत्व में सीपीडब्ल्यू दिल्ली के चीफ इंजीनियर बीके गर्ग और अधीक्षण अभियंता एके गुप्ता शुक्रवार को एनआईटी के लिए प्रस्तावित जमीन देखने सुमाड़ी पहुंचे। करीब दो घंटे तक इस टीम ने नक्शे के आधार पर क्षेत्र का जायजा लिया। पत्रकारों के बार-बार पूछे जाने पर टीम में शामिल केंद्रीय लोनिवि दिल्ली के चीफ इंजीनियर बीके गर्ग ने कहा कि वह लोग केवल साइट देखने आए हैं। टीम ने चमराड़ी के सामने की जमीन भी देखी। टीम ने देखा कि उक्त जमीन पर बिल्डिंग बनाई जा सकती है या नहीं। एनआईटी के कुलसचिव सुखपाल सिंह टीम के सदस्यों को जमीन की स्थिति बताई।
इधर, सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने को लेकर आंदोलित प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष और अन्य सदस्य भी मौके पर पहुंच गए। जनमंच के सदस्यों का आरोप था कि एनआईटी के कुलसचिव की ओर से जमीन को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है, इसीलिए टीम के सदस्यों को खंडाह से सुमाड़ी रोड के बजाय श्रीनगर से खोला क्वीसू होते हुए तंग और खराब सड़क से सुमाड़ी ले जाया गया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी विजय जोगदंड, उपजिलाधिकारी श्रीनगर मायादत्त जोशी और श्रीनगर तहसीलदार मौजूद थे। लगभग दो घंटे तक क्षेत्र में रहने के बाद टीम के सदस्य दिल्ली लौट गए। वह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को अपनी रिपोर्ट देंगे।

एनआईटी को लेकर सकारात्मक नहीं कुलसचिव: अनिल स्वामी
प्रगतिशील जन मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी, जेपी पुरी और देव सिंह नेगी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सुमाड़ी में एनआईटी को लेकर संस्थान के कुलसचिव का विरोधी रुख है और शुक्रवार को उनका यह रुख स्पष्ट भी दिखाई दिया। टीम के सदस्यों को तंग रास्ते से ले जाना उनकी नीयत पर सवाल खड़े कर रहा है। सुमाड़ी के पूर्व प्रधान विमल काला, मोहन काला, खल्लू के जगमोहन तडिय़ाल ने कुलसचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

विवि ने भी मौके पर भेजे थे भू वैज्ञानिक
सुमाड़ी में एनआईटी के निर्माण को लेकर जमीन देखने के लिए दिल्ली से टीम के आने पर गढ़वाल केंद्रीय विवि के वरिष्ठ भू वैज्ञानिक प्रो. यशपाल सुंद्रियाल भी वहां पर मौजूद थे। प्रशासन के अनुरोध पर गढ़वाल केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. जवाहर लाल कौल ने प्रो. सुंद्रियाल को इस कार्य के लिए नामित किया था।
चमराड़ा के सामने की जमीन में दिखाई दिल्चस्पी
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की टीम के सदस्यों ने खंडाह-सुमाड़ी रोड से नीचे चमराड़ा के ठीक सामने की जमीन को लेकर रुचि दिखाई। टीम ने उपजिलाधिकारी मायादत्त जोशी से भी लगभग 30 से 40 नाली इस समतल जमीन के बारे में जानकारी ली। मुख्य विकास अधिकारी विजय जोगदंड ने उपजिलाधिकारी से कहा कि वह एनआईटी के लिए इस भूमि को भी उपलब्ध कराने को लेकर संबंधित ग्रामीणों से वार्ता कर आगामी कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।