नये ज़माने के अंदाज में ढल रही हैं दून की दशकों पुरानी मिठाई की दुकानें

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मिठाई की दुकानों के अंदर व्यवस्थित तरीके से रखी गई रंगीन मिठाई या गर्म समोसे , यादों का एक पुराना दौर आखों के सामने ले आता है, खासकर अगर दुकान 100 साल पुरानी हो।जी हां शहर में कई सालों पुरानी दुकानें सड़कों के किनारे हैं,जो बहुत से घरों में खुशीयां बांटती हैं। लेकिन बदलते समय, कड़ी बाजार प्रतिस्पर्धा और तेजी से बढ़ते दुनिया के साथ, इन पुरानी दुकानों ने युवाओं को आकर्षित करने और अपने पुराने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए व्यापार करने के नए तरीके निजात किए हैं।

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इनमें से कई दुकानों ने अपने कारोबार को एक छोटे से हल्वाई की दुकान के रूप में शुरू किया, सड़कों के कोने में दुकान चलाने के बाद अब अंत में आज दुकानों के मालिक हैं। एक ऐसी ही दुकान है ”जय स्वीट भंडार” जो 1923 में स्थापित की गई थी। इस मिठाई दुकान के मालिक बताते हैं कि वे चुनौतियों से लडने के लिए अधिक से अधिक किस्मों की पेशकश और उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार हैं। राकेश मित्तल, जिनके दादाजी स्वर्गीय श्री बेनी प्रसाद ने दुकान की स्थापना की, का कहना है, “हमने शुरुआत केवल जलेबी बनाने से की थी, लेकिन अब हम सभी तरह के मिठाइयां और नमकीन बनाते हैं।अब हमने आधुनिक उत्पादन तकनीक भी लगा दिए है और केटरिंग सेवाएं भी शुरू की हैं।

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ऐसी ही एक और दुकान है, ”रोशन स्वीट्स” जो 1901 में स्थापितकी गई थी, और अाज भी देहरादून निवासियों के बीच एक पसंदीदा दुकान है। एम.एन. अग्रवाल 1968 के बाद से दुकान का प्रबंधन कर रहे है उन्होंने बताया कि, “मेरे दादा मंगामल ने पलटन बाजार में एक छोटा सा क्षेत्र खरीदा था। हमने इसे अधिक ग्राहक के अनुकूल बनाने के लिए दुकान का रेनोवेशन किया।अब हम इसे एक ऐसे स्थान पर शिफ्ट कर चुके हैं जहां यह ग्राहकों की नजर में रहे और उन्हें अधिक दिखाई दे। अग्रवाल ने यह भी कहा कि ऑनलाइन डिलीवरी सर्विस भी दुकान के भविष्य के लिये अच्छा होगा।

मनीष गुप्ता जो रोशन स्वीट्स के रेगुलर कस्टमर है वह बताते हैं , “मेरे पिता हमेशा कहते हैं कि इस दुकान में मिठाई गुणवत्ता के कारण सबसे बेहतर है, हम केवल इस दुकान को मिठाई का आर्डर देते हैं।”

रोशन स्वीट्स के एक स्टाफ सदस्य जो 1968 से काम कर रहे हैं उन्होंने कहा कि, “समय शायद बदल गया हो लेकिन हमारे लिए हमेशा काम किया है, युवा पीढ़ी के बीच हमारी सेवाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए हमने दुकान का रनोवोशन कराया। शहर के विजीटर अब हमारी दुकान से मिठाई का आॅनलाईन आर्डर भी दे सकते हैं।

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शहर में एक और आजादी से पहले की मिठाई की दुकान है ”दून स्वीट्स”।दुकान के मालिक आदेश जैन ने बताया कि, “1942 से मेरे पिता इस व्यवसाय में हैं। हमारी दुकान जलेबी और छोले भटुरों के लिए जानी जाती हैं। इसके अलावा, यहां का खाना इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यहां सब कुछ प्याज के बिना तैयार किया जाता है।”

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यह शहर देहरादून राजपुर रोड पर विभिन्न प्रकार के पकौड़ों के लिए भी प्रसिद्ध है। इसमें सबसे जायादा मशहूर है नारायण सिंह सेठी की दुकान। 1946 में स्थापित, यह दुकान अब अपने दो पुत्रों प्रीतपाल सिंह और बलजीत सिंह द्वारा चलाई जाती है।इस दुकान पर केवल जेलबी, पकौड़ा और चाय ही दिये जाते हैं। बलजीत ने कहा,  “दुकान में पकौड़े को उबले आलू के साथ पकाने के लिए हम प्रसिद्ध है। बहुत सारे पर्यटक दूर दूर से हमारी दुकान पर अाते हैं।”