मुजफ्फरनगर से हरिद्वार का सफर महज सवा घंटे में

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निशंक
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आज यहां पर वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लगभग 5000 करोड़ की लागत से 170 किमी. लंबे निर्माण कार्य में राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-58) के तहत मुजफ्फरनगर-हरिद्वार खंड और एनएच-72ए के छुटमलपुर-गणेशपुर तथा एनएच-73 के तहत रुड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी के 4 लेन और अल्मोड़ा, पौड़ी-गढ़वाल एवं रुद्रप्रयाग को कवर करते हुए लगभग 400 करोड़ की लागत वाली 80 किमी. लंबी परियोजना के अंतर्गत अल्मोड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग-309बी के तहत 44.10 किलोमीटर, पौढ़ी-गढ़वाल में एनएच-119 (नया 534) के अंतर्गत सतपुली से अगरोढा तक 32 किलोमीटर के सुदृढ़ीकरण कार्य व रुद्रप्रयाग में 900.32 मीटर लंबी टनल तथा अलकनंदा नदी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 107 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग -7 को जोड़ने हेतु 200 मीटर लंबे दीर्घ सेतु के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं हरिद्वार से लोकसभा सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने  एनएचएआई की दो परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं से हरिद्वार से विकास की एक नई गंगा प्रवाहित होगी और 5400 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाएं विकास एवं जुड़ाव की परियोजनाएं हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि इसके निर्माण से पहले मुजफ्फरनगर से हरिद्वार जाने के लिए लगभग 3 घंटे लगते थे जबकि अब महज सवा घंटे लगेंगे यानी यात्रा का समय लगभग 90 मिनट कम हो जाता है।
इन परियोजनाओं के लाभ के बारे में बताते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, “यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण की दृष्टिकोण से यह टिकाऊ भी होगी। इसके निर्माण से पहले मुजफ्फरनगर से हरिद्वार जाने के लिए लगभग 3 घंटे लगते थे जबकि अब महज 1.15 घंटे लगेंगे यानी यात्रा का समय लगभग 90 मिनट कम हो जाता है। इसके अलावा प्लास्टिक अपशिष्ट पदार्थ का उपयोग कर के सर्विस रोड के 9 किलोमीटर लंबाई तक का निर्माण भी किया गया है। साथ ही लगभग 70,000 पौधों का रोपण कार्य भी किया जा रहा है। वीयूपी/आरओबी फ्लाईओवर आदि से युक्त 2.5 किमी. के एलिवेटेड सेक्शन के निर्माण तथा 16.00 किमी. के बाईपास निर्माण के बाद कुंभ मेले और कांवड़ मेले में होने वाली प्रत्याशित भीड़ भाड़ को भी टाला जा सकेगा।”
उन्‍होंने बताया कि इसके अलावा इन परियोजनाओं से सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर में भी भारी कमी आएगी। अधिकांश ब्लैक स्पॉट्स को ठीक कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप होने वाली दुर्घटनाओं एवं मृत्यु संख्या में कमी आई है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की मदद के लिए पूरे राजमार्ग खंड के लिए एम्बुलेंस और गश्ती दल को तैनात किया गया है। उन्नत हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस) परियोजना स्थलों पर स्थापित किये गये हैं, जिसमें 5 कैमरा, वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले सिस्टम (वीएमडीएस) और आपातकालीन संपर्क प्रणाली की सुविधा शामिल है।