नेपाल एवं पंतनगर विश्वविद्यालय साथ-साथ चले: ओली

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पंतनगर,  पंतनगर विश्वविद्यालय ने कृषि के आधुनिकीकरण और भारत में कृषि क्रांति लाने का जो कार्य किया है, उसे देखकर मेरी इच्छा है कि नेपाल एवं पंतनगर विश्वविद्यालय साथ-साथ चलें। यह बात रविवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पंत नगर विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही।

मानद उपाधि प्राप्त करने के बाद पीएम ओली ने कहा कि भारत और नेपाल दोनों कृषिप्रधान देश हैं। नेपाल में दो-तिहाई जनसंख्या कृषि पर आधारित है लेकिन यहां की कृषि का देश की आर्थिकी में केवल एक-तिहाई योगदान है क्योंकि हम अपने कृषि में आधुनिकीकरण एवं यांत्रिकीकरण नहीं कर पाये हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल में दो कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं लेकिन वे अभी प्रारम्भिक अवस्था में हैं। जिनको मजबूती प्रदान करने के लिए पंत नगर विश्वविद्यालय को सहयोग करना होगा। भारत सरकार और पंतनगर विश्वविद्यालय के साथ मिलकर शोध व संकाय सदस्यों एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को बढ़ाना होगा। ओली ने यह भी कहा कि नेपाल की सरकार एवं वहां के लोग भारत के साथ मिलकर गरीबी दूर करने और एक-दूसरे की जनता को खुशहाल बनाने के लिए काम करेंगे। पंतनगर विश्वविद्यालय के बीज उत्पादन की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा की।

राज्यपाल डॉ केके पाॅल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि नेपाल एवं उत्तराखण्ड इतिहास, संस्कृति, व्यापार के साथ-साथ अन्य बहुत सी समानताएं रखते हैं तथा हमारा व्यक्ति से व्यक्तित्व का सम्बन्ध काफी पुराना है। हमारी चुनौतियां भी एक जैसी हैं तथा दोनों देश मिलकर अपने लोगों की बेहतरी, वातावरण सुरक्षा एवं प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए काम कर सकते हैं। कृषि के क्षेत्र में पंतनगर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताने के साथ-साथ उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा उच्च गुणवत्तायुक्त अधिक उत्पादक प्रजातियों के बीज और रोपण सामग्री का उत्पादन कर किसानों के बीच में एक विश्वसनीय ‘ब्रांड नाम’ स्थापित करने के बारे में बताया।

राज्यपाल ने नेपाल एवं उत्तराखण्ड की समान परिस्थितियों को देखते हुए आपसी सहयोग के पांच बिन्दुओं का उल्लेख किया, जिनमें विभिन्न फसलों, सब्जियों व फूलों के बीज उत्पादन तकनीकों के मानिकीकरण; कृषि के महत्वपूर्ण क्षेत्रों यथा, मौसम की माॅडलिंग, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण व प्रबंधन, जल संरक्षण, जैविक खेती, संरक्षित खेती और समन्वित खेती, पशुपालन, मधुमक्खीपालन, इत्यादि के शोध में सहयोग, फलों के जीनोटाइप का आदान-प्रदान, विभिन्न ऊंचाइयों पर बहुमूल्य औषधीय व पर्वतीय फसलों का संरक्षण, संवर्धन व दोहन; पशुचिकित्सा के विभिन्न प्रजनन जैव तकनीकों में प्रशिक्षण व पशुचिकित्सकों की कौशल वृद्धि हेतु रिफ्रेशर पाठ्यक्रम इत्यादि सम्मिलित हैं। अंत में उन्होंने आशा प्रकट की कि नेपाल एवं उत्तराखण्ड के बीच तकनीकी सहयोग, दोनों के कृषक समाज को लाभ प्रदान करेगा व उनके खुशहाल भविष्य को सुरक्षित करेगा।

दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड एवं नेपाल के गर्भनाल जैसे संबंध है तथा हमारा खान-पान, रहन-सहन, रिश्ते-नाते जुड़े हुए हैं। हम भौतिक व मानसिक रूप से भी एक-दूसरे के नजदीक हैं। यह सुखद संयोग है कि देश का विख्यात पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय नेपाल के इतने पास स्थित है और नेपाल देश के समान भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय नेपाल सरकार के साथ मिलकर औद्यानिकी व औषधीय फसलों के क्षेत्रों में कार्य कर सकता है।

सीएम ने पंतनगर विश्वविद्यालय को देशस्तर पर दो बार और प्रदेश स्तर पर लगातार तीन बार सर्वोत्तम विश्वविद्यालय के रूप में सम्मानित किए जाने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य में नेपाल और उत्तराखण्ड के बीच संचार सुविधायें बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। जिसमें मुख्य रूप से काठमांडू से देहरादून के लिए हवाई सेवाएं प्रारम्भ किया जाना है, जिससे कृषि एवं अन्य क्षेत्रों को लाभान्वित किया जा सकेगा।