साहित्य,कला और संस्कृति है ”नेचर फेस्ट” की थीम

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देहरादून के वाईल्ड लाईफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया में 7-8 फरवरी को दो दिवसीय नैचुरल हैरिटेज फैस्ट का आयोजन किया जाएगा।यह फैस्ट बाकी सभी मेलों से अलग है क्योंकि इसमें नेचर को साहित्य,कला और संस्कृति के माध्यम से मनाया जाता है।दो दिवसीय इस मेलें में एक साथ बहुत से प्रसिद्ध प्राकृतिक लेखक,साइंटिस्ट,फिल्ममेकर,कवि,फोटोग्राफर और पत्रकारों का पैनल डिस्कसन,वर्कशाप होंगी जिसका मुख्य फोकस प्रकृति,वाईल्ड लाईफ,और सांस्कृतिक संरक्षण होगा।

यूनेस्को के दूसरे कैटगीरि से वर्ड नेचुरल हैरिटेज मैनेजमेंट और ट्रेनिंग फार एशिया एंड द पैसिफिक रीजन ने यह समारोह देहरादून के डब्लू आई आई में उन लोगों के लिए रखा है जो इसमें रुचि रखते हैं।

7 फरवरी पहले दिन की शुरुआत डा.जार्ज शालर के भाषण से होगी जो एक मशहूर बायोलाजिस्ट,16 किताबों के लेखक होने के साथ साथ बायोलाजी क्षेत्र के दिग्गज भी हैं।उसके बाद हिस्ट्री एंड लीगेसी आफ नेचर राइटिंग इन इंडिया पर एक पैनल डिस्कशन,और फिर द माउंटेंन्स स्पीकःसैलिब्रेटिंग एंड कन्जरविंग हिमालया हैरिटेज,के लेखक स्टीफन आल्टर,वाईल्ड लाईफ फोटोग्राफर धृतीमान मुर्खजी और डब्लू आई आई के डीन एजेटी जान सिंह एक डिस्कशन में भाग लेंगे।इनके अलावा कार्यक्रम में बिक्रम ग्रेवाल,डा.असद रहमान और रंजीत लाल भी मौजूद रहेंगें।

हिंदी कविता के निष्ठावान कवि मंगलेश डबराल,नरेश सक्सेना,अशोक वाजपेयी,केदारनाथ सिंह और पदमश्री लीलाधर जागूरी नेचर और लैंडस्कैप पर आधारित पोएट्री रीडिंग में भाग लेंगें।पहले दिन के अंत में कहानीकार अंकित चड्डा दास्तानगोईः 16वी सदी के उर्दू कहानीकला, एक इंटरेक्टिव स्टोरी टैलिंग के माध्यम से लोगों के प्रकृति के बारे में जागरुक करेंगें।

फेस्ट का दूसरा दिन हिस्ट्री आफ नेचर इन हिमालया और प्लेस आफ नेचर इन इंडिया पोएट्री बिंदुओं पर पैनल डिस्कशन से शुरु होगा।फेस्ट का एक और दिलचस्प टापिक होगा कैपचरिंग नेचर थ्रू द लेंस एंड ड्राइंग।दूसरे दिन के अंत में पत्रकारों के लिए वर्कशाप का आयोजन होगा जिसमें पर्यावरण पत्रकारिता के बारे में बात की जाएगी जिसको मशहूर पर्यावरण पत्रकार प्रेरणा बिंद्रा जी संचालित करेंगीं।